अंकित तिवारी, कौशांबी व/लखनऊ (यूपी), NIT:
कोरोना वॉयरस के कारण घरों में क़ैद लोगों को राशन के खत्म होने पर शासन प्रशासन स्तर पर जहाँ पके हुए खाने के पैकेट ज़रुरतमन्दों तक पहुँचाए जा रहे हैं वहीं तमाम सामाजिक संगठनों की ओर से भी आँटा, दाल, चावल, बिस्किट व फलों के पैकेट बाँटने में इस वक़्त तमाम संस्थाएँ बढ़ चढ़ कर भाग ले कर गंगा जमुनी तहज़ीब की मिसाल को सार्थक बनाने का प्रयास कर रही हैं। सामाजिक व धार्मिक संस्था उम्मुल बनीन सोसाईटी के महासचिव सैय्यद मो० अस्करी ने ज़रुरतमन्दों को राहत पैकेट बाँटने वाली संस्थाओं के प्रति आभार जताते हुए बताया की प्राईम रोज़ शिक्षा संस्था ने कोरोना वॉयरस और लॉक डाऊन के कारण राशन पानी की समस्या से जूझ रहे ग़रीब, बेसहारा, रिक्शा चालक, झोपड़ी में रहने वालों, भीख मांग कर गुज़र बसर करने वालों, ठेला और खुमचा लगा कर जिविकोपार्जन करने वालों को प्रत्येक मोहल्लों में पहुँच कर आँटा, दाल, चावल, फल, सब्जी, बिस्किट आदि खाद्ध सामाग्री का वित्रण किया। सिटी मजिस्ट्रेट, सीओ प्रथम व सिओ द्वतिय के संरक्षण में प्राईम रोज़ शिक्षा संस्था के फरहान आलम, अकबर खान अपनी गाड़ी में तमाम तरह की राहत सामाग्री भर कर एक एक मोहल्लों में जा रहे हैं और सभी ज़रुरतमन्दों की हर सम्भव मदद करने में शासन प्रशासन की मौजूदगी में प्रतिदिन राहत पैकेट बाँट रहे हैं। संस्था द्वारा करैली, करैला बाग़, अटाला, रसूलपुर, दरियाबाद, दायरा शाह अजमल, बख्शी बाज़ार, अकबरपुर आदि मोहल्लों में ग़रीब परिवार को राहत पैकेट का वित्रण किया गया। अस्करी ने बताया की इस वक़्त जहाँ लोग अपने अपने घरों में क़ैद वाली ज़िन्दगी काट रहे हैं वहीं रोज़गार ठप होने से तमाम ऐसे लोग हैं जो प्रतिदिन छोटा मोटा काम कर अपने परिवार का पेट भरने को रोटी का जुगाड़ करते थे वह सभी इस वक़्त तमाम तरह की परेशानी से घिरे हैं। ऐसे लोगों की मदद करना ही सब से बड़ा पुन्य है। इस वक़्त सब से बड़ी समस्या ग़रीबों और असहाय परिवार के लिए दो जून की रोटी का है। जहां शासन प्रशासन मुस्तैदी से डटा है वहीं स्वयंमसेवी संस्थाएं भी लगातार सहयोग कर रही हैं। अभी भी कुछ ऐसे लोग भी हैं जो समाज के मध्यम परिवार से ताल्लूक़ रखते हैं और संकोच और इज़्ज़त को बचाए रखने के लिए किसी के आगे हाथ नहीं फैला सकते लेकिन उन्हें भी राशन पानी की समस्या से दो चार होना पड़ रहा है। ऐसे लोगों तक खामोशी से राहत पहुँचाने की ज़रुरत है।
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