कोरोना की विपदा के समय सरकार के अतिरिक्त सामाजिक संस्थाओं ने भी लिया राहत का कार्य अपने हाथों में | New India Times

अशफाक कायमखानी, जयपुर (राजस्थान), NIT:

कोरोना की विपदा के समय सरकार के अतिरिक्त सामाजिक संस्थाओं ने भी लिया राहत का कार्य अपने हाथों में | New India Times

चीन से निकली कोराना वायरस की चिन्गारी से राजस्थान प्रदेश को बचाने में प्रधानमंत्री के लाॅक डाउन की अपील से तीन दिन पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूरे प्रदेश में लाॅक डाउन लागू करने की कार्यवाही का सभी स्तर पर सहरायना हो रही है। वहीं इस विपदा की घड़ी में किसी को भी भूखा नहीं सोने देने का प्रण लेकर राहत पहुंचाने में लगी गहलोत सरकार अपने स्तर पर भोजन व भोजन सामग्री हर जरुरतमंद तक पहुंचाने में शिद्दत के साथ लगे होने के साथ साथ अनेक सामाजिक संगठन भी बहुत कठिन दौर में बेहतरीन काम कर रहे हैं। हालांकि राहुल गांधी की सलाह पर सरकारें इससे पहले कदम उठाकर दिहाड़ी मजदूरों को अपने अपने घर जाने का समय देकर उन्हें घर पहुंचने देती और फिर मार्च के दूसरे सप्ताह से ही लाॅक डाउन सख्ती के साथ अमल में ले आतीं तो आज जो भयानक हालात देखने को मिल रहे हैं वो शायद इतने भयानक नहीं होते। खैर जो गुजर गया वो तो गुजर गया लेकिन आगे का समय सरकारों को लाॅक डाउन पर सख्ती बरतने व जनता को उस पर स्वत: अमल करना ही होगा।

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राजस्थान में पीपुल्स यूनीयन फोर सिविल लिबर्टीज PUCL व होमलैश सोसायटी के वर्कर्स दिनरात भोजन व भोजन सामग्री जरुरतमंदों तक पहुंचाने में लगे हुए हैं। वहीं कायमखानी यूथ ब्रिग्रेड व कायम जकात फाऊंडेशन मारवाड़-शेखावाटी जनपद के अलावा अन्य क्षेत्र में भोजन व भोजन सामग्री पहुंचाने में प्रयासरत है। सीकर बेश पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया व पूर्व विधायक नन्द किशोर महरिया द्वारा संचालित सुधीर महरिया स्मृति संस्थान ने सैंकड़ों भोजन सामग्री के पैकेट बनाकर जरुरतमंदों की पहचान करके उनको देने का आपदा के इस हालात में बड़ा काम कर रहे हैं।
राजस्थान के कुछ नेता सेनेटाईजेशन का स्वयं छिड़काव करके दिखावा कर रहे हैं पर अधिकांश राजनेताओं ने अपने अपने क्षेत्र में राहत कार्य को सम्भाल रखा है। मुख्यमंत्री की अपील पर अनेक राजनेताओं, उधोगपतियों, कोचिंग व स्कूल संचालकों के अलावा निजी तौर पर मुख्यमंत्री राहत कोष में फण्ड जमा करवाया है। दूसरी तरफ सरकारी अधिकारी व कर्मचारी संगठनों ने भी दिल खोलकर मुख्यमंत्री राहत कोष में सैलेरी का अंश देने का ऐलान किया है। कमजोर व आर्थिक तोर पर असहाय राजस्थान वक्फ बोर्ड के कर्मचारियों ने भी एक दिन की सेलेरी मुख्यमंत्री राहत कोष में देने की कह कर सबको ऐसा करने पर मजबूर कर दिया है।
राजस्थान में अब तक 49 के करीब कोराना पोजीटिव मरीजों में भीलवाड़ा से बीस मरीज का आंकड़ा बड़ा है। भीलवाड़ा के बाद जयपुर व फिर झूझंनु अधिक प्रभावित क्षेत्र बताते हैं। प्रदेश में अबतक भीलवाड़ा के दो मरीजों की मौत हो चुकी है बाकी जेरे इलाज हैं। सरकार का मेडिकल महकमा पूरी तरह रोगियों का इलाज करने में लगा हुवा है। पोजीटिव इटली दम्पत्ति का इलाज जयपुर में किया जा चुका है। मरीजों की बढती तादाद को देखते हुये वक्फ बोर्ड चेयरमैन खानू खान ने बोर्ड की राजस्थान में स्थित सम्पत्तियों को सरकार को आईसोलेशन सेंटर बनाने के उपयोग में लेने का आफर किया है। दूसरी तरफ सीकर बेस एक्सीलेंस स्कूल व काॅलेज के शानदार भवनों को आईसोलेशन सेंटर बनाने के उपयोग में लेने को सरकार को संचालक वाहिद चौहान ने पहले ही आफर कर रखा है। जोधपुर राजघराने ने अपने राजपरिवार द्वारा संचालित राजमाता दादीसा अस्पताल को आपदा के लिये उपयोग करने का आफर देकर अन्य लोगों को राह दिखाई है।
भारत में एक तरफ एक प्याली खिचड़ी के लिये कई किलोमीटर लाइन लग रही है। वहीं राजस्थान सरकार की दृढ इच्छा शक्ति व आम अवाम की खिदमत ऐ खल्क की भावना से ओतप्रोत होने के कारण प्रदेश में लोगों के सामने भोजन का संकट अन्य प्रदेशों के मुकाबले कम देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री द्वारा हर परिवार से अन्य दो परिवार के लिये भोजन बनाने की अपील का भी बहुत असर देखने को मिल रहा है। अपने पहले मुख्यमंत्री कार्यकाल में अकाल राहत कार्य का बेहतरीन इंतजाम करने के कारण उन पर प्रदेश की जनता विश्वास जताती है।


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