जुनेद शेख, धुले (महाराष्ट्र), NIT:
लॉक डाउन के बाद सबसे बर्ड़ी चिंता गरीब परिवारों में ही है। पूरा देश कोरोना से जंग लड़ रहा है लेकिन हर दिन कमाकर खाने वाले लोग दो जून की रोटी के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। इस बीच धुलिया सिटी विधायक डॉ फारुक शाह ने उनका काम आसान कर दिया है। धुलिया शहर में हजारों परिवार वस्त्र उद्योग में मजदूरी करते हैं और अनेक व्यक्ति हाथ मजदूर हैं। 21 दिन के लॉक डाउन के कारण आम आदमी के सामने रोजी रोटी का गंभीर संकट खड़ा हो गया है, ऐसे में विधायक फारूक शाह ने आसानी से मुफ्त में अनाज लोगों के आवासों पर जाकर बांटा। भविष्य में धुलिया के हालात और बिगड़ सकते हैं, इस कारण सरकार ने गरीबों को ध्यान में रखकर एनजीओ को आगे बढ़ाकर फूड पैकेट का वेतन कराने की आवश्यकता पर विधायक ने जोर दिया।
एनजीओ को आगे बढ़ने का किया आह्वान
एमआईएम विधायक डॉक्टर फारूक शाह ने
जनता कर्फ्यू के पांचवे दिन गुरुवार को शहर के विभिन्न इलाकों में गरीबों की बस्तियों में जाकर उन्हें अनाज के पैकेट्स वितरण किये।
विधायक फारूक शाह ने कहा है कि देश को ताली और थाली की जरूरत नहीं है बल्कि खाली थाली में भोजन की आवश्यकता है। कोई भी आदमी भूखा न रहे इसकी पूरी जानकारी प्राप्त की जा रही हैं और बिना भेदभाव के सभी को अनाज का निःशुल्क वितरण किया जाएगा। इस नेक कार्य में सभी एनजीओ संगठनों को आगे बढ़कर गरीब व्यक्तियों को अनाज उपचार की सुविधा मुहैया कराने की अपील विधायक फारूक शाह ने अनाज वितरण करते समय की है।