अशफाक कायमखानी, जयपुर (राजस्थान), NIT:
चीन से कोराना वायरस की उठी चिंगारी चीन के बाद अनेक देशों में ताण्डव मचाने के बाद 130 करोड़ की आबादी वाले भारत देश की जनता ने अपनी सरकारों की अपील के अनुसार वायरस से बचने व कोराना को हराने के लिये अपने आपको तैयार करने से भारत में अभी तक बहुत बड़ी क्षति नहीं हो पाई है। हालांकि जब भारत की जनता कोराना से लड़ने में लगी थी तभी मध्यप्रदेश के कुछ विधायक बगावत करने में लगे थे ओर कुछ नेता सत्ता परिवर्तन की व कुछ सत्ता बचाने की जंग लड़ रहे थे। इसके विपरीत राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकारी स्तर पर कोरोना से जंग लड़कर उसे जनता की मदद से हराने पर कार्ययोजना बनने व उस पर अमल करना शुरू कर दिया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस को लेकर देश को अब तक दो दफा सम्बोधित करते हुये जनता से थाली व ताली बजाने व लाकडाऊन रखने की अपील भी की है। अगर प्रधानमंत्री किसी तरह का बडा राहत पैकेज देने की घोषणा करते तो ओर अधिक अच्छा होता। केरला, दिल्ली, पंजाब व राजस्थान सरकारों सहित अन्य प्रदेशों की सरकारों ने पूरी ताकत व समझदारी के साथ कोराना से लड़ने के लिये आवश्यक कदम उठाये हैं जिनका असर अब तक साफ नजर आ रहा है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री की लाॅक डाउन रखने की अपील के पहले से पूरे प्रदेश में लाॅक डाउन जारी करना उनकी दूरदर्शिता का परिणाम ही समझा जायेगा।
राजस्थान में आवश्यक सेवाओं के साथ-साथ आवश्यक काम के लिये निजी वाहन लेकर जाने वालों के लिये सम्बन्धित परिवहन कार्यलय से मंजूरी लेकर वाहन ले जाने की छूट के अलावा सख्ती के साथ लाॅक डाउन का पालन किया जा रहा है। अपने प्रथम मुख्यमंत्री कार्यकाल में सफल आकाल राहत प्रबंधन करने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज कोरोना वायरस जैसी विपदा से लड़ने के लिए भी बेहतर प्रबंध करके हर जरुरतमंद हाथ तक राशन व मुहं तक भोजन पहुंचा कर बेहतर काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री की अपील के बाद मुख्यमंत्री राहत कोष में लोग बढचढकर धन जमा करवा रहे हैं एवं अनेक स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा जरुरतमंद लोगों तक भोजन व राशन पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है।
राजस्थान सरकार की सूझबूझ के चलते मेडिकल विभाग ने समय रहते कोरोना से लड़ने की तैयारी करने का ही परिणाम है कि कोराना से प्रभावित इटली के दम्पति को जयपुर में चिकित्सकों ने ठीक किया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम के हरदम एलर्ट होने का परिणाम है कि कोरोना प्रभावित मरीजों का बेहतर इलाज किया जा रहा है। अब तक पूरे सूबे में कुल 38 पोजीटिव मरीज पाये गये हैं जिनका इलाज जारी है। भीलवाड़ा, जयपुर व झूंझुनू से मरीज अधिक पाये गये हैं।
कोरोना से सावधानी रखने के लिये हाकर्स ने समाचार वितरण का काम रोक रखा है एवं मिडिया का रुख बहुत ही सकारात्मक होना देखा जा रहा है। पुलिस फोर्स मुस्तैदी से अपना काम कर रही है। सूबे की जनता मुख्यमंत्री गहलोत की अपील व उनके द्वारा पहले से जारी लाॅक डाउन पर अमल करते हुये अपने घरों तक सिमट चुके हैं एवं हर जरूरतमंद तक सरकार व सामाजिक संस्थाओं द्वारा प्रयाप्त राहत सामग्री पहुंचने से आमजन गहलोत के प्रति विश्वास जताने से पीछे नहीं हट रहा है।
राजस्थान के पूजा व इबादत घरों मे मात्र औपचारिक पूजा व इबादत की जा रही है। दरगाहों के दर बंद कर दिये गये हैं। सामाजिक कार्यक्रम स्थगित किये जा रहे हैं। जनता अपने स्तर पर सरकार की अपील पर अमल करती नजर आ रही है। वहीं मुख्यमंत्री गहलोत की दूरदर्शिता की चारों तरफ तारीफ हो रही है। मेडिकल विभाग पूरी तरह जिम्मेदारी निभा रहा है वहीं पुलिस प्रशासन संयम व सख्ती की जगह सख्ती बरतते हुए काम कर रहा है। शिक्षण संस्थाओं की अनिश्चित काल के लिये छुट्टियां व परिक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। मुश्किल हालात में पीपुल्स युनियन फोर सिविल लिबर्टीज (PUCL) द्वारा किये जा रहे राहत कार्यों की काफी सहरायना हो रही है। पीयूसीएल के अलावा सीकर बेस सुधीर महरिया स्मृति संस्थान द्वारा किये जा रहे राहत कार्यों को माॅडल के रुप में स्वीकार करना होगा।
कुल मिलाकर यह है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की दूरदर्शिता के चलते कोरोना वायरस से लड़ने की नीति व उत्पन्न हालात में राहत कार्यों को सुचारु रुप से लगातार जारी रखने के तरीकों पर अन्य प्रदेश की सरकारों को भी अमल करना चाहिए। जबकि जनता को सरकार की हर अपील पर पूरी तरह अमल करना होगा ताकि कोरोना को हराया जा सके।
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