नरेंद्र इंगले, ब्यूरो चीफ, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
कोरोना वायरस की चपेट में आ चुकी दुनिया के सभी देशों में दहशत का माहौल है। भारत मे कोरोना वायरस के संक्रमण से मरने वालों की संख्या 10 और संक्रमितों की 400 के पार पहुच चुकी है। महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण की स्थिति गंभीर बनती नजर आ रही है। राज्य के सभी जिलों में 31 मार्च तक लॉकडाउन किया गया है और साथ ही धारा 144 भी लागू कर दी गई है। हर 2 घंटे बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे मीडिया के जरिये जनता से जनसहयोग की अपील करते नजर आ रहे हैं। किसी भी संक्रामक बीमारी के फैलाव की असली ताकत होती है वह भीड़ जो जरा-सी बात को लेकर इकट्ठा होने लगती हैं। धारा 144 में भी बिना किसी ठोस वजह के सड़कों पर घूमते गैर जिम्मेदार लोग उन लाखों जिंदगियों को खतरे में डालते है जो घरों में बैठकर जनता कर्फ्यू का अनुपालन करते हुए सच्चे नागरिक होने की भूमिका निभाते हैं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य में अघोषित संचार बंदी की घोषणा कर दी है। पुलिस को फ्री हैंड मिलने से अब उपद्रवियों को सबक सिखाने मे प्रशासन को आसानी हो रही है। जामनेर में पुलिस प्रमुख प्रताप इंगले की निगरानी में पुलिस ने उपद्रवी बाइकर्स की जमकर धुलाई की। कई जगहों पर कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों से उठक बैठक करवाई गई। इसी बीच बाइक पर सवार होकर शहर की स्थिती का जायजा लेने पहुंचे पूर्व मंत्री गिरीश महाजन ने पुलिस के साथ वार्तालाप किया और स्थिती का जायजा भी लिया है। कल 23 मार्च को प्रशासन की लापरवाही के कारण धारा 144 में जामनेर में सड़कों से सटा कच्चा अतिक्रमण निकालने के लिए हजारों लोगों का हजूम सड़क पर उतर आया था। करीब 500 से अधिक कच्चे अतिक्रमण धारक निगम से होने वाली जब्ती कार्रवाई से बचने के लिए अपनी अपनी टिन की पटरियां बटोरने में जुट गए थे। इस हरकत के विषय में प्रशासन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। जिलाधिकारी से लेकर तहसीलदार और निगम के मुख्याधिकारी तक किसी ने कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की। उम्मीद थी कि इस मामले को लेकर किसी ना किसी की जबाबदेही तय होगी लेकिन वैसा कुछ भी हुआ नहीं। अगर कायदे से देखा गया तो संबंधित प्रशासन पर धारा 144 के उल्लंघन का मामला बनता है। स्वास्थ चिकित्सकों की समीक्षा तथा परामर्श के बाद सरकार का उद्देश्य यह है कि कहीं भी भीड़ इकट्ठा ना हो ताकी कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। फिल्हाल शहर में स्थिती शांतिपूर्ण है। नागरी आवासीय इलाकों में नागरिकों का कर्फ्यू को उमदा समर्थन मिल रहा है। पुराने शहर में पुलिस को उपद्रवियों से सख्ती से निपटना पड़ रहा है। खबरो के मुताबिक कल से कर्फ्यू में ढील दी जानी है। कोरोना के निर्मूलन के लिए प्रशासन इसी आशा के साथ अपने काम में डटा है कि उसे आखरी वक्त तक जनसहयोग मिलता रहे।
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