भोपाल के न्यू कबाड़ खाना स्थित मस्जिद अहले हदीस के पेश इमाम मौलाना मोहम्मद मुदस्सिर सल्फी ने कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुऐ घरों में नमाज़ पढ़ने के लिए लोगों से की अपील | New India Times

अबरार अहमद खान/मुकीज़ खान, भोपाल (मप्र) NIT:

भोपाल के न्यू कबाड़ खाना स्थित मस्जिद अहले हदीस के पेश इमाम मौलाना मोहम्मद मुदस्सिर सल्फी ने कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुऐ घरों में नमाज़ पढ़ने के लिए लोगों से की अपील | New India Times

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के न्यू कबाड़ खाना स्थित मस्जिद अहले हदीस के पेश इमाम मौलाना मोहम्मद मुदस्सिर सल्फी ने कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुऐ आज से ऐलान किया है कि जब तक यह वबा हमारे ऊपर से टल नहीं जाती है तब तक हम अपने घरों में नमाज़ अदा करें। उन्होंने ने लोगों से कहा कि कोरोना वायरस (महामारी) इस तरह की बीमारी आने लगे तो अपने घरों में नमाज़ अदा करो।
इस्लामी शिक्षाओं में कठिन परिस्थिति के समय आसानी अपनाने और ख़तरे या नुकसान से बचने हेतु सावधानी के उपाय अपनाने का आदेश दिया गया है और अपनी जानों को हलाकत में डालने से सख़्ती से मना किया गया है।
इस सम्बन्ध में बहुत सारे प्रमाण मौजूद हैं जो बहुत से लोगों को मालूम हैं।
जहां तक महामारी के डर से मस्जिदों को बन्द करने और फराइज़ को घरों में अदा करने की बात है तो उसका जवाब यह है कि कई एक हदीसों से हमें पता चलता है कि तेज़ बारिश या आंधी तूफान के कारण लोगों को अपने अपने घरों में नमाज़ अदा करने का आदेश दिया जा सकता है।
जैसे कि अब्दुल्लाह इब्ने उमर रज़ियल्लाहु अन्हुमा ने एक ठन्डी और बरसात की रात में अज़ान दी फिर यूं पुकार कर कह दिया
«ألا صلوا في الرحال‏»
“कि लोगो!! अपनी ठहरने की जगहों (अर्थात:घरों) पर नमाज़ पढ़ लो।”
उन्होंने ने वज़ाहत करते हुऐ कहा कि इस से पता चलता है कि इस्लामी शरीअत में हर वह चीज़ मौजूद है जिस से समाज के लोगों को नुक़सान से बचाया जा सके।


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