राजस्थान राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार चयन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पसंद पर लगी मोहर | New India Times

अशफाक कायमखानी, जयपुर (राजस्थान), NIT:

राजस्थान राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार चयन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पसंद पर लगी मोहर | New India Times

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की हमेशा की तरह मैं रहूं तो कांग्रेस और मैं नहीं रहूं तो कांग्रेस नहीं के फार्मूले के चलते उन्होंने अब उम्मीदवार चयन में एक तरफ जाट उम्मीदवारों को ठिकाने लगाते हुये प्रदेशाध्यक्ष व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को भी मात देते हुये एक उम्मीदवार दिल्ली हाईकमान के कोकस ग्रूप के सदस्य केरला निवासी पूर्व सांसद एवं राष्ट्रीय संगठन महासचिव के.सी वेणुगोपाल को उम्मीदवार बनवाने के साथ साथ अपने खासमखास नीरज डांगी को भी उम्मीदवार घोषित करवा कर सबको अचरज में डाल दिया है।
राजस्थान युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे नीरज डांगी को कांग्रेस ने सिरोही जिले की रेवदर विधानसभा सीट से 2008 व 2018 में उम्मीदवार बनाकर चुनाव लड़वाया लेकिन दोनों दफा डांगी बुरी तरह चुनाव हारे। नीरज डांगी अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखते हैं एवं उनके पिता दिनेशराय डांगी राजस्थान में मंत्री रह चुके हैं। राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहले अपने खासमखास राजीव अरोड़ा का नाम उछाला तो दूसरे नेताओं द्वारा उसका विरोध करने पर उन्होंने नीरज डांगी का नाम आगे बढाकर गहलोत ने उसपर दिल्ली में सहमति करवाने की खबर जब सचिन पायलट तक पहुंचीं तो उन्होंने अनुसूचित जाति के ही कुलदीप इंदौरा का नाम आगे बढ़ाया लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी।

राजस्थान राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार चयन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पसंद पर लगी मोहर | New India Times

राजस्थान के तीन सदस्यों के लिये हो रहे राज्यसभा चुनाव में संख्याबल के मुताबिक दो कांग्रेस व एक भाजपा के उम्मीदवार का जीतना तय है। तीनों सदस्यों के निर्विरोध चुने जाने की सम्भावना बन चुकी है। वर्तमान मे कांग्रेस के पहले से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सदस्य होने के अलावा अब दो सदस्यों के चुनाव जीतने के बाद कुल दस में से तीन कांग्रेस व सात भाजपा के सदस्य हो जायेंगे।
कुल मिलाकर यह है कि प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट दो उम्मीदवारों में से एक जाट व एक मीणा जाति का उम्मीदवार बनाकर पार्टी को मजबूती देने की कोशिश में थे लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की चतुराई के आगे पायलट की चाल कमजोर साबित हुई। उक्त उम्मीदवारों की घोषणा के बाद कांग्रेस विधायक दल में असंतोष पनपना देखा जा रहा है। पूर्व विपक्ष के नेता व विधायक हेमाराम चौधरी ने तो इशारे ही इशारे में काफी कुछ कह डाला है। भाजपा ने मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ने वाले व उन्हीं की माली बिरादरी व गहलोत गोत्र के पूर्व मंत्री राजेंद्र गहलोत को उम्मीदवार बनाया है।


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