सशस्त्र सीमा बल रुपईडीहा चौकी के मनबढ़ जवान पत्रकारों के साथ कर रहे हैं अभद्रता, तस्करों से मिलीभगत का भी लग रहा है आरोप | New India Times

फराज़ अंसारी, ब्यूरो चीफ, बहराइच (यूपी), NIT:

सशस्त्र सीमा बल रुपईडीहा चौकी के मनबढ़ जवान पत्रकारों के साथ कर रहे हैं अभद्रता, तस्करों से मिलीभगत का भी लग रहा है आरोप | New India Times

एसएसबी जवानों पर जहां तस्करों के साथ मिलीभगत कर अवैध धन वसूलने का आरोप लग रहा है वहीं उनके द्वारा पत्रकारों के साथ अभद्रता के मामले भी सामने आ रहे हैं।

विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार भात-नेपाल बॉर्डर पर स्थित रुपईडीहा में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) चौकी के जवान तस्करों के साथ मिलीभगत तस्करी करवाते हैं और बदले में तस्करों से अवैध रूप से हर महीना धन वसूल करते हैं जिससे तस्करों की मौज है। थाना पुलिस रुपईडीहा से तो उनकी पक्की सेटिंग रहती है उन्हें थोड़ी दिक्कत सशास्त्र सीमा बल से महसूस होती थी मगर वर्तमान समय में एस एस बी चौकी स्टॉफ ने अपने फर्ज को भूल कर इन तस्करों को अपनी सरपरस्ती दे दी है इस कारण अवैध रूप से तस्करी करने वाले तस्करों की पांचों ऊँगली घी में है। अब उन्हें किसी का भी खौफ नहीं रह गया है।

सशस्त्र सीमा बल रुपईडीहा चौकी के मनबढ़ जवान पत्रकारों के साथ कर रहे हैं अभद्रता, तस्करों से मिलीभगत का भी लग रहा है आरोप | New India Times

सूत्र बताते हैं कि अब एसएसबी ने भी जरायम पेशा लोगों को अपना समर्थन दे दिया है और इनसे इन्हें महीने में बहुत मोटी रकम मिलती है। नेपाल से कबाड़ आदि की तस्करी करने वाले लोगों से भी अच्छा खासा महीना इनको मिलता है इस कारण अब अवैध धंधा करने वाले अपराधी खुलेआम अपने अवैध कार्य को अंजाम दे रहे हैं। एक तरफ एसएसबी अपराधियों पर मेहरबान हैं और दूसरी तरफ जो कोई अपने घर के लिए राशन आदि लेकर इस चौकी से गुजरते हैं तो यहाँ पर तैनात जवान उनको जाने नहीं देते हैं और अगर वह व्यक्ति इन जवानों से गुजारिश करते हैं कि साहब जाने दिया जाये घर में इस्तिमाल करने के लिए सामान लेकर जा रहे हैं तो यह जवान उन लोगों से अभद्रता और गाली गलौज करने लगते हैं तथा तुरंत डंडे बरसाने लगते हैं। यहाँ के जवान इतने बेलगाम हो गए हैं कि सबको एक ही डंडे से हांकते हैं। यहाँ से गुजरने वाले स्थानीय चाटुकारों को छोड़कर पत्रकारों के साथ भी अभद्रता करते हैं और तुरंत ही फर्जी तरीके से फंसाने की धमकी देने लगते हैं और राष्ट्र के चौथे स्तंभ का सम्मान नहीं करते हैं। बताते चलें कि दिनाक 29 फ़रवरी को लखनऊ से प्रकाशित एक दैनिक समाचार पत्र के संवाददाता नेपालगंज बाजार में किसी कार्य से जा रहे थे, जाम भीड़ अधिक थी तो एसएसबी में इंट्री करवाने के लिए अपनी कार को साइड में पार्क करने लगे तो एसएसबी और स्थानीय थाने का एक सिपाही आया और कार पर डंडा पटकने लगा और कहा कि यहाँ से गाड़ी हटा तो पत्रकार ने कहा कि इंट्री करवानी है यहीं पर जगह दिखाई दी है तो गाड़ी लगा रहे हैं तो दोनों जवान अभद्रता पर उतारू होने लगे तो पत्रकार राशिद अली ने गाड़ी से उतर कर अपना आई कार्ड दिखाया की हम मीडिया कर्मी हैं आप इस प्रकार बात नहीं कर सकते तो यह लोग आग बबूला हो गए और कई प्रकार की धमकी देने लगे यहाँ तक की फर्जी केस में फंसा कर जेल भेज देने की धमकी तक दे डाली। किसी प्रकार पत्रकार ने इनकी अभद्रता बर्दाश्त की और किसी प्रकार इंट्री करवा कर वहां से निकल सके। उधर से वापसी में पत्रकार ने चौकी पर इंट्री कराई और पर्ची एक तैनात जवान को देकर वहां से जाने लगा तो उसने कार को साइड में लगाने को कहा तो पत्रकार ने कारण पूछा तो उसने कहा कि तुम्हारी कार की पूरी तलाशी ली जायेगी तो पत्रकार ने अपना परिचय दिया तो वह जवान और ज्यादा भड़क गया और कार की पूरी तलाशी लेने लगा यहाँ तक कि सीट कवर आदि को उतार कर कार की तलाशी ली और बोला कि बड़े पत्रकार बने घूमते हो। पत्रकार ने बताया कि उनकी कार के आगे पीछे दोनों शीसे पर प्रेस और बैनर का नाम भी अंकित है मगर एसएसबी के जवानों ने अपमानित करने की गरज से इस प्रकार के कार्य पत्रकारों के साथ में करते हैं। श्री अली ने बताया कि दूसरे देश नेपाल में कहीं कोई दिक्कत होती है तो पुलिस के जवानों को अपना परिचय और कार्ड दिखाओं तो वह लोग सम्मान देते हुए भरपूर सहयोग करते हैं और हमारे ही देश में राष्ट्र के चौथे स्तंभ के साथ अभद्रता पूर्वक व्यवहार किया जा रहा है जो बहुत ही निंदनीय है ।


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