"हम कागज़ नहीं दिखाएंगे"NO NRC, NO CAA, NO NPR इस स्लोगन को घर-घर लिखने की शुरुआत की जाएगी: विधायक आरिफ मसूद | New India Times

अबरार अहमद खान, स्टेट ब्यूरो चीफ, भोपाल (मप्र), NIT:

"हम कागज़ नहीं दिखाएंगे"NO NRC, NO CAA, NO NPR इस स्लोगन को घर-घर लिखने की शुरुआत की जाएगी: विधायक आरिफ मसूद | New India Times

भोपाल के कांग्रेसी विधायक आरिफ मसूद द्वारा आज एनआरसी, सीएए, एनपीआर को लेकर एक पत्रकारवार्ता का आयोजन किया गया जिसमें विधायक आरिफ मसूद ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि मेरे द्वारा मप्र में इसी सप्ताह से एक मुहिम चला कर लोगों से अपील की जाएगी कि हर व्यक्ति अपने घर के बाहर यह स्लोगन लिखवाये की हम कागज नहीं दिखाएंगे, NO CAA, NO NPR इस स्लोगन की शुरुआत करने के लिए सब से पहले भोपाल के सभी वार्डों एवं मोहल्लों में बैठक करके लोगों को जागरूक किया जाएगा। आगे उन्होंने कहा कि मप्र के मुख्यमंत्री माननीय कमलनाथ जी से आग्रह किया है कि हर 10 वर्ष में जो जनगणना की जाती है उससे प्रदेश के नागरिकों को कोई एतराज नहीं है जिसमें जनगणना वाले आते थे घर में कितने लोग है पता करते थे और चले जाते थे लेकिन वर्तमान में मोदी सरकार जो संशोधित एनपीआर लाई है यदि उसके आधार पर जनगणना की गई तो घर वालों से उनके साथ-साथ उनके बाप दादा की जानकारी भी मांगी जाएगी इस प्रकार जनगणना नहीं की जानी चाहिए।
विधायक आरिफ मसूद ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि जनसख्या सेन्सस एक्ट और सीए 1955 में पापुलशन रजिस्टर का कोई उल्लेख नहीं है इसे सीए रूल्स 2003 में एक और सेक्शन 14ए जोड़ दिया, मूल एक्ट में इस 2004 में लागू किया। यह इस लिए गलत है क्योंकि इस के रूल्स क़ानून लागू होने के बाद बनाएं जा रहे हैं। घर और घरवालों की जानकारी प्राइवेट डेटा है जो हमारे मूल अधिकारों का हनन है। Under data privacy judgment of justice puttaswamy (9) Judges bench of September 2018) NPR 2020 का नोटिफिकेशन 31 जुलाई 2019 को किया ताकि तैयारी के लिए समय रहे मगर CAA 2020 10 January 2020 को अस्तित्व में आया जिसके अभी तक रूल्स नहीं बने इसलिए 2003 के रूल्स के मुताबिक NPR कराना असंवैधानिक है।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading