परसराम साहू, देवरी/सागर (मप्र), NIT:
सागर (मध्यप्रदेश) में सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य
मुनि श्री प्रशांत सागर जी,
मुनि श्री निर्वेग सागर जी,
मुनि श्री विमल सागर जी,
मुनि श्री अनंत सागर जी,
मुनि श्री धर्म सागर जी,
मुनि श्री अचल सागर जी,
मुनि श्री भाव सागर जी महाराज एवं क्षुल्लक श्री देवानंद सागर जी (नगर गौरव) के सानिध्य में 20 फरवरी तक पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव गीतांजलि कॉलोनी, माणिकचंद पेट्रोल पंप के सामने, देवरी, जिला सागर (म.प्र) में चलेंगे। इस कार्यक्रम में प्रतिदिन अभिषेक, शांतिधारा, पूजन, आरती, प्रवचन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम चल रहे हैं।
17 फरवरी को जन्म कल्याणक हुआ। जिसमें प्रातः काल पात्रशुद्धि, अभिषेक, शांतिधारा, नित्यपूजन हुई। प्रभु का अवतार (जन्म), बधाइयाँ, शांतिहवन, आचार्य श्री जी की पूजन, मुनि संघ का आशीर्वचन हुआ। इंद्रसभा एवं राजदरबार, इंद्राणी द्वारा प्रथम दर्शन, इंद्र द्वारा सहस्राक्ष दर्शन किया गया।
विशाल जन्माभिषेक जुलूस गीतांजलि कॉलोनी से नगर पालिका होते हुए वापस पंचकल्याणक स्थल आया। पांडुक शिला पर जन्माभिषेक एवं श्रृंगार हुआ। पूरे नगर में मिष्ठान वितरण हुआ। गरीबों को वस्त्र, औषधि, फल आदि वितरण हुए। गौशाला के लिए गाय दान की गई। मंदिर के लिए पूजन के बर्तन वितरण किए गए। सांस्कृतिक कार्यक्रम (नाटक), महाराज श्री जी के प्रवचन। सौधर्म इंद्र का तांडव नृत्य (आनंद नाटक) हुआ। शाम को संगीतमय महाआरती, शास्त्र प्रवचन हुए।
रात्रि को पालना, बालक्रीड़ा, सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ।
पूजन की द्रव्य जैन समाज रामपुरा सागर, महाराजपुर, गौरझामर एवं सिलवानी ने प्रदान की।
आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के पीतल चित्र जो जयपुर से बनकर आया है उसका विमोचन किया गया।
मुनिश्री अनंतसागर जी ने कहा कि, बालक का जन्म हुआ है वह भगवान बनेगा। इस बालक के जन्म की खुशियाँ सभी मना रहे हैं क्योंकि यह उसका अंतिम जन्म है। यह बालक इतना सुंदर होता है कि 1000 नेत्र बनाकर वह सौधर्म इंद्र दर्शन करता है। अपने जीवन को बदल लिया तो इस कार्यक्रम की सार्थकता है। “एक मिनट का मजा जिंदगी भर की सजा” थोड़े से मनोरंजन के लिए जो पाप होता है उसकी सजा कर्मों के माध्यम से बड़े रूप में मिलती है। स्वागत की परंपरा सभी जगह है। समय तो कट जाता है लेकिन कर्म नहीं कटते हैं। परिणामों की विशुद्धि बढ़ती है तब कर्म कटते हैं। चाहे सोंए या रोंए 24 घंटे कर्मों का बंध चल रहा है। आचार्यों ने अपना कीमती समय निकालकर आगम ग्रंथों की रचना की है। नये नये उपकरणों में हमारा खोटा मन लगा हुआ है। मन को अच्छा बनाओ जिससे नरक नहीं जाना पड़े।
मुनि श्री प्रशांतसागर जी महाराज ने कहा कि, जन्म कल्याणक मनाया जा रहा है आप भी दिनांक से मनाते हैं और कहते हैं जन्मदिन। देसी गाय का दूध सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है। कर्म की मैचिंग विचित्र होती है। कर्म के कारण ऐसी अनेक घटनाएं घटित हो जाती हैं।पहले पंचकल्याणक में धार्मिक बंधु 7 दिन रहते थे अब 1 दिन भी नहीं रुकते हैं। महिला संगीत के नाम पर आज पश्चिमी संस्कृति आ गई है। विवाह आदि कार्यक्रमों में शाकाहारी और मांसाहारी भोजन एक साथ बनता है। महिला संगीत में महिलाएं,बालिकाएं रहे; पुरुष नहीं रहें। अहिंसक वस्त्र हथकरघा के उपयोग करना चाहिए क्योंकि अन्य वस्त्रों में मटन टैलो नाम का अशुद्ध पदार्थ होता है। प्रतिभास्थली एक अच्छी संस्कार स्थली है।
क्षुल्लक श्री देवानंदसागर जी महाराज ने कहा कि, बचपन में सुना है कि देवरी देवनगरी रही है पूर्व में। यह जिन बिम्बों की प्रतिष्ठा का महोत्सव है, इसको अपनी प्रतिष्ठा का विषय नहीं बनाए। दान, पूजा आत्मशांति कर्म क्षय के लिए करना है ख्याति पूजा लाभ के लिए नहीं। 24 घंटे में कम से कम 24 मिनट स्वाध्याय करें। पंचकल्याणक महोत्सव आत्मा से परमात्मा बनने का महोत्सव है।
18 फरवरी 2020 को को तप कल्याणक होगा।
प्रातः 6 बजे से पात्रशुद्धि, अभिषेक, शांतिधारा, नित्यमय पूजन होगें। कल्याणक पूजन, शान्तिहवन, आचार्य श्री जी की पूजन एवं मुनि श्री का आशीर्वचन होगा।
9:30 बजे से पाणिग्रहण संस्कार विधि (बारात) होगी।
दोपहर 12:30 बजे से राज्याभिषेक, भेंटसमर्पण, महामंडलेश्वर नियुक्ति, सेनापति नियुक्ति , षट्कर्म उपदेश, दण्डनीति, ब्राह्मी सुंदरी को शिक्षा, नीलान्जना नृत्य, लौकान्तिक देवागमन , युवराज भरत व बाहुबली राज्यतिलक, दीक्षाभिषेक, दीक्षावन गमन, दीक्षा कल्याणक संस्कार विधि मुनि श्री के द्वारा होगी।
शाम 7 बजे से संगीतमय महाआरती, शास्त्र प्रवचन, सांस्कृतिक कार्यक्रम अथवा भरत महाराज का राज दरबार लगेगा।
19 फरवरी को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन गीतांजलि कॉलोनी पंचकल्याणक स्थल पर रात्रि 8 बजे से किया गया है जिसमें देश के प्रसिद्ध कवि आ रहे हैं। अनामिका “अंबर” मेरठ, पंकज “अंगार” ललितपुर, सुनील “समैया”, डॉ अखिल आनंद आदि कवि आ रहे हैं।