अंकित तिवारी, ब्यूरो चीफ, प्रयागराज (यूपी), NIT:
समाजवादी पार्टी के महानगर मीडिया प्रभारी व प्रवक्ता सैय्यद मो. अस्करी ने कहा कि देश का अधिकांश तबक़ा इस वक़्त एनआरसी, एनपीआर और सीएए के खिलाफ मुस्लिम महिलाओं के साथ हक़ की लड़ाई में भागीदार बना हुआ है लेकिन चंद मुठ़ठी भर भाजपाई इस काले क़ानून को सही ठहराने के लिए लोगों को गुमराह कर रहे हैं। भाजपा आरएसएस के सिद्धान्त को आगे बढ़ाने की खातिर विभाजनकारी नीति पर चलते हुए देश के टुकड़े- टुकड़े करना चाहती है लेकिन देश का सेकुलर और अमन पसन्द तबक़ा इस मंसूबे को सफल नहीं होने देगा।प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह इस क़ानून को लेकर लोगों मे भ्रम पैदा कर रहे हैं। आज इस क़ानून के विरोध में मुस्लिमों के साथ दलित समाज, पिछड़ा वर्ग, मज़दूर, आदिवासी, संत समाज, बुद्धिजीवी वर्ग, अधिवक्ता यहाँ तक की सेकुलर सोच रखने वाले अपर कास्ट के लोग भी विरोध में खड़े हैं लेकिन सत्ता के नशे में चूर और कुछ अंधभक्तों की मुठ्ठी भर टोली ही इस क़ानून के पक्ष में राजनीति का गंदा खेल खेलते हुए लोगों को गुमराह कर रही है। देश भर में एनआरसी, एनपीआर और सीएए के खिलाफ चल रहे धरन प्रदर्शन को दो माह होने वाले हैं लेकिन कोई भी सरकार का प्रतिनिधि इस पर चर्चा करना तो दूर हालात को समझने तक को नहीं आया। तीन तलाक़ और मुस्लिम औरतों के बुरक़ा पहनने पर मुस्लिम बहनों की हमदर्दी दिखाने वाली भाजपा आज उन्हें सड़कों पर खड़ा करने पर मजबूर कर तमाशा देख रही है। भाजपा का घिनौना चेहरा बेनक़ाब हो गया है, वह अपनी ही समर्थक महिलाओं को बुरक़ा पहना कर आन्दोलनकारीयों की मुखबिरी करवा रही है। अस्करी ने कहा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है की हम इस काले क़ानून को नहीं मानते और हमारी पार्टी का कोई भी कार्यकर्ता न तो फार्म भरेगा और न ही किसी कागज़ को दिखाएगा और न ही किसी काग़ज़ पर हस्ताक्षर करेगा हम संविधान विरोधी और विभाजनकारी नीतियों व काले क़ानून को नहीं मानेंगे।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.