गणेश मौर्य, ब्यूरो चीफ, अंबेडकरनगर (यूपी), NIT:
नगरपालिका द्वारा आवंटित दुकानदारों ने साफ-साफ शब्दों में अकबरपुर नगर पालिका को जवाब दिया है कि हमारे पेट में लात मारने से पहले जरूर सोच लें कि हम गरीब परिवारों का क्या होगा।
जिले के अकबरपुर शहर के कस्बा शहजादपुर डॉक्टर लोहिया चौक की ओर से बाजार इलाके में अतिक्रमण के नाम पर गरीब दुकानदारों की दुकानें उजाड़ने का मन नगर पालिका प्रशासन ने बना ली है। जी हां सब्जी मंडी की 16 दुकानें इसी अकबरपुर पालिका द्वारा आवंटित हैं जोकि 40 साल से ज्यादा समय से इन्हीं दुकानों में फुटकर सब्जियों का व्यापार कर दुकानदार अपने परिवार का जीवन यापन करते हैं। नगर पालिका के इस फैसले से कई परिवार भुखमरी के कगार पर आ जाएंगे, इससे कई परिवारों की रोजी-रोटी बंद हो जाएगी। ऐसे घरों के दर्जनों परिवारों के सैकड़ों लोगों के चेहरे उतरे हुए हैं। दुकानदारों का कहना है कि सड़क चौड़ीकरण के नाम पर नगर पालिका किसी एक को फायदा पहुंचाने के लिए अच्छी डील कर ली है। नगरपालिका के चेयरमैन से लेकर जिम्मेदार अफसर क्या हमारे रोजी रोटी का प्रबंध करेंगे? सरकार की तरफ से आवंटित 16 दुकानों को तोड़कर क्या सरकार को अच्छा फायदा होगा या नुकसान क्या इसका जवाब है पालिका प्रशासन के पास?
आखिर किस के दबाव में नगरपालिका यह कदम उठा रही है? इससे पहले भी पूर्व पालिका अध्यक्ष चंद्र प्रकाश वर्मा के समय में भी यह प्रस्ताव किया गया था मगर उन्होंने इनकार कर दिया था। उनका जवाब यही था कि उन दुकानों को तोड़कर राजस्व को फायदा हो उससे ज्यादा तब तोड़ा जाएगा अन्यथा नहीं।
मगर अब कानून की जद में आए दुकानदार इस बात पर खफा हैं कि बड़े अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई, पर जब आदेश के पालन की बात आती है, तो सबसे पहले गाज हम गरीबों के पेट पर गिरा दी जाती है।
बेसहारा दुकानदारों से जब बातचीत की गई तो उनका कहना था कि कानून सबके लिए बराबर होना चाहिए। हम गरीबों की दुकानें उजाड़ कर आखिर क्याें गरीबी का अहसास दिलाकर रोने पर मजबूर किया जाता है।
दुकानदारों ने कहा कि पालिका गरीबों के लिए आवासों का इंतजाम तो करा नहीं पाई और अब सड़क चौड़ीकरण के नाम पर उन्हें उजाड़ने का काम कर रही है। इस कार्रवाई से जहां दुकानदारों के सामने संकट है, वहीं गरीब तबके के उन ग्राहकों के लिए भी मुसीबतें खड़ी हो गई हैं, की फुटकर आलू प्याज बेच कर अपने परिवार का जीवनयापन किया जाता था मगर अब इस पर भी पालिका प्रशासन की नजर लग गई है। नगर पालिका प्रशासन आवंटित 16 दुकानों पर बुलडोजर चलाएगी तो पहले हमारे दुकानों का प्रबंध करें और उन दुकानों का किराया राजस्व में जमा हो।
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