वी.के.त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर-खीरी (यूपी), NIT:
विकास खण्ड कार्यालय की बाऊण्ड्री से लगी व सड़क के बीच की सरकारी भूमि पर उसी वार्ड के सभासद पति के द्वारा अवैध कब्जा कर भवन निर्माण के लिये खोदी गयी नीव को देखकर उपजिलाधिकारी जो प्रातः ब्लाक परिसर भ्रमण को गयी थी ने पूछताछ की तो खुलासा हुआ कि सरकारी भूमि पर सभासद पति के द्वारा अवैध कब्जा किया जा रहा है, जिसे उन्होंने तत्काल निर्माण कार्य रूकवाया तथा बीडीओ को शासकीय पत्र जारी कर आवश्यक कार्यवाही कराने के निर्देश दिये साथ ही सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे किये जाने के सम्बन्ध में जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, अध्यक्ष नगर पालिका परिषद तथा पुलिस क्षेत्राधिकारी को भी पत्र भेज कर अवगत कराया।
नगर की अधिकांश नजूल की भूमि एवं तलाबों पर भू-माफियाओं के द्वारा अवैध कब्जे कर भूमि को बेच तक दिया गया और जो सरकारी भूमि पड़ी भी है उस पर भी धीरे-धीरे अवैध कब्जे हो रहे हैं। मोहल्ला इस्लामाबाद स्थित खण्ड विकास कार्यालय की बाऊण्ड्रीवाल व सड़क के बीच सरकारी भूमि पड़ी है। अब लोगों की इस भूमि पर भी नज़र लग गयी। इसी मोहल्ले की सभासद पति अरूण आजाद के द्वारा कुछ भूमि पर अवैध कब्जा कर भवन निर्माण के लिये नीव खुदवाई गयी और उस पर निर्माण कार्य शुरू हो गया। ये उनका दुर्भाग्य की आज प्रातः उपजिलाधिकारी स्वाति शुक्ला भ्रमण पर पहुंच गयीं तो उनकी नज़र इस अवैध निर्माण पर पड़ी तो उन्होंने पूछताछ की तो मोहल्ले वालों ने बताया कि ये कमरा सभासद पति श्री आजाद बनवा रहे हैं। सबसे पहले उन्होंने इस अवैध निर्माण को रूकवाया और कार्यालय आकर खण्ड विकास अधिकारी को शासकीय पत्र 3302/भ0लि0/अतिक्रमण/2019-20 दिनांक चार फरवरी 2020 जारी कर इस सरकारी भूमि पर किये गए अतिक्रमण को हटवाने की कार्यवाही करने के निर्देश दिए। इस पत्र की प्रति एसडीएम के द्वारा जिलाधिकारी खीरी, मुख्य विकास अधिकारी खीरी, पुलिस क्षेत्राधिकारी मोहम्मदी सहित अध्यक्ष नगर पालिका परिषद को भेजकर कार्यवाही की सन्तुति की है।
उपजिलाधिकारी की इस कार्यवाही से फिल्हाल तो निर्माण कार्य रूक गया है लेकिन सत्ता का संरक्षण पाकर ये निर्माण पुनः शुरू हो सकता है। बताया जाता है कि नगर पालिका अपने सभासद के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगी नहीं और खण्ड विकास अधिकारी जानबूझकर मूक दर्शक बने रहेंगे, वह कोई कार्यवाही करेंगे यह सम्भव नहीं दिखता। हां ये हो सकता है कि जिलाधिकारी एवं सीडीओ के द्वारा एसडीएम के पत्र को अगर गम्भीरता से लिया गया तो कार्यवाही हो जाये अन्यथा नगर के तमाम नजूल भूमि एवं तालाबों का अस्तित्व खत्म कर किये गये कब्जों की भांति ये भी कब्जा हो जायेगा।
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