अरशद आब्दी, ब्यूरो चीफ, झांसी (यूपी), NIT:
मरहूम सादिक़ अली सहाब के अज़ाखना शिया मस्जिद मेवतीपुर में अज़ीमुश्शान मजलिस आयोजित की गई जिसमें मर्सिया खुआनी मुज़फ्फरनगर से आए ख़ुसुसी औऱ बेहरूनी मर्सिया खावही कानपुर से सादिक़ नक़वी उर्फ शानू साहब के ज़ेरे सर्पस्त कानपुर के मातम और नौहा खुआनी की जिसमें मातमी दस्ते ने मौला को दिल खोलकर पुरसा दिया वहीं झाँसी की अंजुमन सदाए हुसैनी, अंजुमने अब्बासिया, अंजुमने अकबरिया के मातमदारों ने इमाम को पुरसा दिया।
वहीं हिंदुस्तान के मशहूर व मारूफ़ ज़ाकिरे एहलेबैत आली जनाब मनाज़िर अख़्तर साहब ने मजलिस को ख़िताब फ़रमाया। वहीं नौहा खुआनी में हिन्दुस्तान के मशहूर व मारूफ नौहा खा आली जनाब अमिर हसन आमिर ने नौहा खुआनी करते हुऐ लब्बैक या हुसैन के नारे लगवाते हुए अपनी नौहा खुआनी बरकरार रखी जिससे मातमदारों में एक जोश सा पैदा हो गया और पूरा समा लबैक या हुसैन के नारों से गूंज उठा। मजलिस में अलामे मुबारक़ की ज़ियारत एवं ताबूत की ज़ियारत कराई गई बाद मजलिस नज़रे इमाम का एहतमाम रहा जिसमें सभी मातमी दस्तों एवं बेहरूनी अज़दारों ने नज़रे इमाम में शिरक़त की। वहीं मजलिस में उरई, दतिया, ललितपुर, मथुरा, दिल्ली से आए जावेद आब्दी, रईस आब्दी, कानपुर से आए लोगों ने बढ़ कर हिस्सा लिया।
मजलिस में आफिस हैदर, सुखनवर अली, नादिर अली, इरशाद आब्दी, अज़ीम आब्दी, दानिश अली, फैज़ान आब्दी, राहत आब्दी, भय्यू हैदर आब्दी, मासूम रज़ा, फ़ज़ले अली, समर आब्दी, जुगनू आब्दी, बादशाह आब्दी, क़मर आब्दी, फुरकान हैदर, सुल्तान आब्दी, नईम साहब, चंदा साहब, शाकिर साहब, जिप्पी साहब, डॉक्टर रज़ी साहब, इमरान हैदर आदि ने शिरक़त की। इस पूरे मजलिस का एहतमाम सरफ़ाज़ एवं चंदू भाई नज़र हैदर के ज़ेरेसरपरस्ती में संपन्न हुआ।
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