अंकित तिवारी, लखनऊ (यूपी), NIT:
अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि है कि लखनऊ में नागरिकता कानून के खिलाफ शाहीनबाग बना रही बना रही आंदोलनकारी महिलाओं के ऊपर एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई योगी सरकार की शिकस्त का प्रतीक है।
यूपी में कानून व्यवस्था की बात करने वाले आज धारा 144 और पुलिस के बल पर शासन चला रहे हैं। धारा 144 अंग्रेजों ने गुलाम भारतियों के लिये इस्तेमाल की थी लेकिन आज़ाद भारत में यूपी के अंदर मुख्यमंत्री योगी पुलिस के बल पर कानून को अपने हाथ में लेकर शासन चला रहे हैं।
लखनऊ में नागरिकता कानून का खिलाफ लोकतांत्रिक /शांतिपूर्ण ढंग से धरने पर हजारों की संख्या में बैठी महिलाओं के ऊपर एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई से यह ज़ाहिर है कि योगी सरकार महिलाओं के आंदोलन से डर गई है। बदले की भावना से की गई योगी सरकार की यह कार्रवाई संविधान विरोधी है फासिस्ट कार्रवाई भी है।
ऐपवा CA A -NPR-NRC के खिलाफ लखनऊ में धरनारत महिलाओं के साथ एकजुटता प्रदर्शित करती है साथ ही इस काले कानून के खिलाफ उनकी लड़ाई को समर्थन भी देती है।
ऐपवा योगी सरकार द्वारा महिलाओं के ऊपर एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई का 22 जनवरी से 25 जनवरी तक पूरे उ.प्र. में विरोध प्रदर्शन करेगी।
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