भोपाल के इक़बाल मैदान में 1 जनवरी से चल रहे सत्तयाग्रह में एनआरसी एवं सीएए के ज़रिया आने वाली दिक्कतों के बारे में अलग-अलग तरीकों से लोगों को दी जा रही है जानकारी | New India Times

अबरार अहमद खान/मुकीज खान, भोपाल (मप्र), NIT:

भोपाल के इक़बाल मैदान में 1 जनवरी से चल रहे सत्तयाग्रह में एनआरसी एवं सीएए के ज़रिया आने वाली दिक्कतों के बारे में अलग-अलग तरीकों से लोगों को दी जा रही है जानकारी | New India Times

भोपाल के इक़बाल मैदान में 1 जनवरी से चल रहे सत्तयाग्रह में अलग-अलग तरीकों से एनआरसी एवं सीएए के ज़रिया आने वाली दिक्कतों तकलीफों को लोगों के सामने रखा जा रहा है।
देश भर में चल रहे एनआरसी एंव सीएए के खिलाफ आंदेालन की कड़ी में भोपाल के इक़बाल मैदान से युवाओं एवं महिलाओं ने गांधीगिरी तरीके से अपनी बात दिल्ली तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। यहां हर तरफ से एक ही आवाज उभर रही है कि इस काले कानून को देश बर्दाश्त नहीं करेगा, केन्द्र सरकार को फैसला वापस लेना होगा। इकबाल मैदान पर जारी सत्याग्रह के लिए न तो कोई अगुवा सामने आ रहा है और न ही किसी बैनर के तले इस आयोजन को आगे बढ़ाया जा रहा है बल्कि सोशल मीडिया पर चल रहे मैसेजेस और फेसबुक लाइव को देखते हुऐ लोग इस कारवां में शामिल हो कर अपने नारों को बुलंद करते हुऐ कह रहे हैं कि देश के संविधान से छेड़छाड़ को न तो देश बर्दाश्त करेगा और न ही ऐसे कुत्सित प्रयास करने वालों को कभी माफ करेगा।

भोपाल के इक़बाल मैदान में 1 जनवरी से चल रहे सत्तयाग्रह में एनआरसी एवं सीएए के ज़रिया आने वाली दिक्कतों के बारे में अलग-अलग तरीकों से लोगों को दी जा रही है जानकारी | New India Times

वहीं महिलाओं ने भी घरों से निकल कर इकबाल मैदान पर मोर्चा संभालते हुऐ कहा कि घरों में रहकर परिवार के पोषण में बड़ी जिम्मेदारी निभाने वाली महिलाओं का यह भी कर्तव्य है कि देश पर आई किसी विपत्ति के लिए भी वह मर्दों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हों। देश की आजादी का इतिहास गवाह है कि महिलाओं ने दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए कमर कसी थी और देश को आजाद कराने में महति भूमिका निभाई थी। महिलाओं ने कहा कि देश फिर अंदरुनी दुश्मनों से घिरा हुआ है, इसके संविधान पर संकट के बादल छाए हुए हैं, यहां के एकता-भाईचारे को दांव पर लगाया जा रहा है, इस मुल्क में रहने और जीने की आजादी को छीने जाने की कोशिश की जा रही है। महिलाओं ने ललकार लगाई कि देश के भोले लोगों को नाहक परेशान न किया जाए, जब इनका उग्र रूप सामने आएगा तो बड़े से बड़े तानाशाह को जमींदोज करने के नजारे सामने आएंगे।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading