अमृत योजना के तहत शहर की सड़कों की बर्बादी का जिम्मेदार है कौन? | New India Times

गणेश मौर्य, ब्यूरो चीफ, अंबेडकरनगर (यूपी), NIT:

अमृत योजना के तहत शहर की सड़कों की बर्बादी का जिम्मेदार है कौन? | New India Times

100 करोड़ से भी अधिक बजट से शहर क्षेत्र में अमृत योजना पाइपलाइन में सड़कों के क्षतिग्रस्त को लेकर विवाद चला रहा है। शहर की सड़कों की दुर्दशा को लेकर जिला अधिकारी ने जल निगम को फटकार भी लगाई कि जिन सड़कों पर पाइपलाइन बिछे हैं उसे पहले दुरुस्त करके ही दूसरी सड़कों की खुदाई हो, मगर जल निगम अपने आगे सुनने को तैयार ही नहीं है जिसके कारण शहर की सभी सड़कें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं।
अमृत योजना के तहत अकबरपुर शहर के कुछ क्षेत्रों में काम चल रहा है, लेकिन जल निगम प्रशासन ने पूरे शहर की सड़कों के निर्माण का काम रोक रखा है। पेंच रिपेयरिंग भी नहीं की जा रही है। इस बार ठंड के मौसम में टुकड़ों-टुकड़ों में बरसात हुई है। मौसम भी साफ हुआ इस दौरान गड्ढे भरे जा सकते थे, जिससे सड़क का अन्य हिस्सा न उखड़े पर ऐसा नहीं किया।अमृत योजना के तहत शहर की सड़कों की बर्बादी का जिम्मेदार है कौन? | New India Times

जल निगम को बजट में सड़कें बनाने और पेंच रिपेयरिंग के लिए करोड़ों रुपए का प्रावधान किया है।लेकिन आय के अभाव में वर्तमान में निगम का खजाना खाली होता जा रहा है। अकबरपुर नगरपालिका ने जल निगम को शहर की सड़कों को रिपेयर करने के लिए कई बार लिखित पत्र भेजा। मगर जल निगम के अधिकारियों ने उसे भी कूड़ेदान में फेंक दिया।

इन सड़कों की स्थिति है ज्यादा खराब
लोरपुर ताजन बाजार की इंद्रलोक कॉलोनी, शिक्षक कॉलोनी, पंडा टोला, कृष्णा नगर कॉलोनी, नगर क्षेत्र के सभी वार्डों की सड़क इंटरलॉकिंग पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं।
जल निगम के जिम्मेदार अधिकारियों और संबंधित ठेकेदारों का कहना है कि कई क्षेत्रों में सीवर, पानी की लाइनें भी डाली जा रही हैं। ठंड का सीजन खत्म होते ही सड़कों के निर्माण कार्य को प्राथमिकता पर लिया जाएगा।
सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि क्या राहगीर इन सड़कों से तब तक चोटीले होते रहे?


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading