यातायात सप्ताह के शुभारंभ अवसर पर विधायक कांतिलाल भूरिया के राडार पर आये आरटीओ गुप्ता | New India Times

रहीम शेरानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:

यातायात सप्ताह के शुभारंभ अवसर पर विधायक कांतिलाल भूरिया के राडार पर आये आरटीओ गुप्ता | New India Times

सिर मुंडाते ही ओले गिरे वाली कहावत सोमवार को यातायात सप्ताह के दौरान पूर्व केन्द्रीय मंत्री, पूर्व सांसद एवं वर्तमान में सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस के विधायक कांतिलाल भूरिया के राडार पर सार्वजनिक तौर कथित रूप से बहुचर्चित भ्रष्टाचार शिरोमणी जिला परिवहन अधिकारी राजेश गुप्ता भी आ ही गये।
ज्ञातव्य है कि वर्षों से अंगद के पांव की तरह झाबुआ में जमे तथा आलीराजपुर जिले का अतिरिक्त प्रभार वाले,
प्रतिदिन लाखों तथा महीने भर में करोडों का खेल खेलने वाले आरटीओ राजेश गुप्ता जो पूरी तरह कथित तौर पर अपने विश्वस्त दलाल उर्फ बिचैलिये के माध्यम से आरटीओ आफिस को धड़ल्ले से बेहिचक चला रहे हैं को लेकर सोमवार को यातायात पार्क में प्रारंभ हुए यातायात सप्ताह के समारोह में कांतिलाल भूरिया ने ऐसी सार्वजनिक लू उतारी कि जहां पूरा पांडाल भूरिया जी के भाषण पर तालियां बजा कर समर्थन करता दिखाई दिया वहीं आरटीओ साहब की हालत ऐसी हो गई कि उन्हें कुछ कहते भी नहीं बना और ना ही इसका प्रतिकार किया।
श्री भूरिया ने आरटीओ कीे और मुखातिब होते हुए कहा कि आरटीओ किसी के फौन को उठाते ही नहीं है, और तो और कलेक्टर साहब तक के फोन को भी पूरी तरह नजर अंदाज करते हैं। उन्होंने स्वयं ही कई बार आर.टी.ओ. को फोन लगाया किन्तु नहीं उठाया। मेरे साथियों ने मुझे बताया कि आप उनके दलाल को फोन लगाओंं तो आरटीओ साहब की लोकेशन मालूम पड़ जायेगी और हुआ भी यही। उन्होंने समारोह में सार्वजनिक रूप से आरटीओ को चेतावनी भरे शब्दों में ताकीद दी कि वे अपने मोबाइल नम्बर मीडिया सहित सभी के लिये सार्वजनिक करें ताकि गरीब लोगों एवं जरूरत मंदों के द्वारा उनसे संपर्क किया जा सके।
भूरिया ने कहा कि यदि अब आर.टी.ओ. फोन नहीं उठाते हैं तो मुझे अवगत करावें, मैं अब यहां नहीं ऊपर भोपाल बात करूंगा तथा इनके कारनामों के बारे में प्रदेश सरकार को बताउंगा।
कांतिलाल भूरिया का कहना था कि आरटीओ साहब तो कलेक्टर साहब से भी ऊपर अपने आपको मानते हैं वे इस जिले में बोझ बन चुके हैं। कांतिलाल भूरिया ने आरटीओ गुप्ता को खरी खरी सुनाने में कोई कसर बाकी नहीं रखी।
आरटीओ राजेश गुप्ता पूर्व में भी कई बार समाचार पत्रों में सूर्खियों में बने रहे हैं, इसके बाद भी प्रशासनिक तौर पर कोई कदम नहीं उठाया गया जिससे आरटीओ के हौसले दिनों दिन बुलंद होते गये और आरटीओ आफीस भ्रष्टाचार का केन्द्र बन चुका है।

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