वी.के.त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर-खीरी (यूपी), NIT:
7-वीं आर्थिक गणना के लिए शुक्रवार को जिलाधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह ने कलेक्ट्रेट परिसर से हरी झण्डी दिखाकर प्रगणकों एवं पर्यवेक्षकों को घर-घर जाकर आर्थिक गणना करने हेतु रवाना किया। इस कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी अरविन्द सिंह, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी राजेश सिंह, वरिष्ठ सांख्यिकी अधिकारी दुर्गेश एवं काॅमन सर्विस सेन्टर सीएससी के जिला प्रबन्धक शोभित श्रीवास्तव, शाश्वत शुक्ला मौजूद रहे।इस मौके पर डीएम ने जनसामान्य से अपील की कि प्रगणकों को उनके घर जाने पर स्वयं एवं परिवार के समस्त सदस्यों के रोजगार एवं आर्थिक क्रियाकलाप सम्बन्धी सही-सही सूचनाएं उपलब्ध कराकर देश हित में योजना बनाने में महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान करें। इसके अन्तर्गत एकत्र सूचनाएं गोपनीय रखी जायेंगी। यह गणना कार्य सीएससी द्वारा नियुक्त प्रगणकों एवं पर्यवेक्षकों द्वारा मार्च 2020 तक मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से जीयोटैगिंग के साथ आनलाइन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस कार्य में किसी प्रकार की समस्या, संशय होने पर ससमय जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी अथवा उन्हें अवगत कराकर समस्या का त्वरित निदान करायें।आर्थिक गणना के सर्वेक्षण कार्य हेतु नियुक्त प्रगणकों एवं पर्यवेक्षकों को निर्देशित करते हुए जिलाधिकारी ने बताया कि यह भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण कार्य है। इसके अन्तर्गत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के प्रत्येक परिवार से औपचारिक एवं अनौपचारिक रोजगार सम्बन्धी आंकड़े एकत्र किये जायेंगे जिसके माध्यम से भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं तथा नीति निर्देशों को कार्यान्वित करने में सहयोग प्राप्त होगा। मुख्य विकास अधिकारी अरविन्द सिंह ने कहा कि देश की आर्थिक स्थिति को जानने जनकल्याण हेतु प्रभावी योजनाएं बनाने के लिए आर्थिक गणना की सूचनाएं बेहद महत्वपूर्ण हैं इसलिए घर घर जाकर सूचनाएं एकत्रित करने में विशेष सावधानी बरतें एवं सही सही सूचनाएं दर्ज करें। डीएम और सीडीओ ने इस कार्य में लगे लोगों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आर्थिक गणना का उद्देश्य देश की आर्थिक स्थिति को स्पष्ट करते हुए प्राप्त आकड़ों का प्रयोग करके उचित आर्थिक नीति बनाना है जिसका सीधा लाभ आमजन को होगा। सीएससी के जिला प्रबन्धक शोभित श्रीवास्तव ने गणना पर्यवेक्षकों की निगरानी में प्रगणकों द्वारा मोबाइल एप्लीकेशन द्वारा कराई जायेगी जिसमें प्रत्येक प्रतिष्ठान जियोटैग होंगे।