अरशद आब्दी, ब्यूरो चीफ, झांसी (यूपी), NIT:
झांसी शहर में शिया मस्जिद मदारस-ए-इमामत से बच्चों ने अमेरिका के तानाशाह डोनाल्ड ट्रम्प के ख़िलाफ़ बड़ों और बच्चों जिसमें सैय्यद अकबर आब्दी 2 साल का बच्चा भी शामिल था ने एहतिजाज दर्ज कराया।
शहीद जर्नल क़ासिम सुलेमानी के कातिलों पर लानत करते हुए और आँखों में आँसू लिए मासूम बच्चों ने शहीद जर्नल क़ासिम सुलेमानी की शहादत को याद कर अमेरिका को नेस्तनाबूद करने की दुआ मांगी। इस दौरान बच्चों में भी अजीब जज़्बा दिखाई दिया। बच्चों के विरोध से यह स्पष्ट हो रहा था कि अमेरिका की इस नापाक हरकत को बच्चे भी बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। वहीं अमेरिका के ख़िलाफ़ मुर्दाबाद के नारों से पूरा माहौल गूंज रहा था। हर बच्चे की ज़ुबान पर बस एक ही नारा था अमेरिका मुर्दाबाद, वहीं, वहीं ईरान जिन्दाबाद और हिन्दुस्तान ज़िन्दाबाद के नारे भी गूंज रहे थे। इन नारों से बच्चे अपनी वतन परस्ती और अपने मज़हब की मौजूदगी दिखाते हुए बच्चों ने हाथों में शहीद जर्नल क़ासिम मरहूम के पोस्टर लेकर पैदल मार्च कर अमेरिका की खुल कर विरोध की।
शाहिद जर्नल क़ासिम की शहादत को लेकर भीगी आँखों से विरोध कर के दुनिया को बच्चों ने साबित कर रहे है कि ईरान अकेला नहीं हम बच्चे बराबर से ईरान के साथ हैं। वहीं ईरान और हिंदुस्तान ज़िन्दाबाद के नारे लगते हुए अमेरिका मुर्दाबाद के नारों के साथ-साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को चेतवानी देते हुए कहा कि हमको भूल कर कमज़ोर न समझें, जब ज़ुल्म को मैयार बना लेते हैं तो हम उन्हीं अश्कों को तलवार बना लेते हैं। वहीं लबबैक या हुसैन के नारों के साथ बच्चे डटे रहे। वहीं देखा जाए तो दुनिया में शिया मुस्लमान कहीं पर भी हों शहादत से बिल्कुल नहीं डरते क्योंकी शियों को शहादत विरासत में मिली है और कर्बला जैसी कुर्बानी हमारा उधारण है। वहीं बच्चों ने अमेरिका मुर्दाबाद, डोनाल्ड ट्रम्प मुर्दाबाद के नारों के साथ अपना रोष व्यक्त किया।
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