राकेश यादव, देवरी /सागर (मप्र) NIT:
सागर जिले की देवरी कृषि उपज मण्डी में अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मिली भगत से व्यापारियों द्वारा वर्ष 2019 में मुख्यमंत्री प्याज प्रोत्साहन योजना में फर्जीबाड़ा कर करोड़ों की चपत लगाने का प्रयास किया गया। शासन द्वारा किसानों को दी जाने वाली अनुदान राशि में हेरफेर के इस मामले में कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर शासन को 6 करोड़ 28 लाख रूपये की क्षति पहुँचाने की तैयारी थी। शिकायतों के आधार पर विभागीय जांच में मामला उजागर होने के बाद देवरी थाना पुलिस द्वारा मंडी के तत्कालीन सचिव सहित 10 कर्मचारियों एवं 15 व्यापारी फर्मो के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते साल सागर जिले की कृषि मंडियों में मुख्यमंत्री प्याज प्रोत्साहन योजना अंतर्गत किसानों से की गई सरकारी प्याज खरीद में भारी गड़बड़ी की गई थी जिसकी शिकायत प्रदेश के राज्य कृषि विपणन बोर्ड सहित आला अधिकारियों तक पहुँची तो बोर्ड द्वारा विभाग के उप संचालक सागर को जिला मुख्यालय के आसपास की मंडियों में खरीद की जांच करने के निर्देश दिये गये थे परंतु उनके द्वारा कोई जांच नही की गई। बाद में मंडी बोर्ड के प्रधान कार्यालय भोपाल द्वारा मामले
की जांच के लिए 19 अगस्त को कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारियों की एक टीम भेजी गई जिसने सागर जिले की देवरी, रहली एवं अन्य मंडियों में प्याज खरीदी कार्यक्रम की जांच की जिसमें बड़े स्तर पर फर्जीबाड़ा उजागर हुआ। टीम की आंच में फँसी रहली एवं देवरी मंडी में शासकीय अनुदान राशि के करोड़ों रूपये हड़पने के प्रयास का मामला सामने आया जिसके संबंध में प्रधान कार्यालय द्वारा कार्रवाई के निर्देश जारी किये गये थे। वरिष्ठ कार्यालय के निर्देश पर देवरी मंडी पहुँचे जांच दल
की जांच में अजब-गजब कारगुजारिया सामने आई। स्केम के कर्ताधर्ताओं द्वारा योजना के अंतिम 3 दिवसों में 70 फीसदी प्याज खरीद दर्शायी गई थी, मंडी कर्मियों द्वारा कारगुजारी कर पेट्रोल टैंकरों एवं बाईक के फर्जी गेट पास जारी कर उनसे प्याज मंडी परिसर में लाया जाना दर्शाया गया था।
मामले की जांच करने पहुँचे अधिकारियों को प्याज खरीद करने वाली फर्मो के पास न तो लाखों क्विंटल प्याज का स्टॉक मिला न ही उसकी बिक्री के संबंध दस्तावेज पाये गये। प्रकरण में मंडी कर्मचारियों एवं खरीदी फर्मो द्वारा 1 लाख 57 हजार क्विंटल प्याज की खरीद बताकर शासन को भवांतर राशि 6 करोड़ 28 लाख रूपये की चपत लगाने का प्रयास किया गया था।
सरकारी पोर्टल पर हुई निजी स्थानों से फीडिंग
करोड़ों रूपये के घोटाले के प्रयास के मामले की जांच में पाया गया कि मंडी कर्मचारियों द्वारा योजना अंतर्गत किसानों के पंजीयन से लेकर प्याज खरीदी की ऑन लाईन फीडिंग भी शासन द्वारा निर्धारित मंडी कार्यालय के स्थान पर अन्य निजी स्थानों से की गई थी जो साईबर जांच में
देवरी नगर एवं जिले के बाहर के स्थान भी पाये गये थे।
बोर्ड के निर्देश के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
सरकारी अनुदान राशि की लूट के प्रयास के इस मामले में मंडी बोर्ड भोपाल के प्रधान कार्यालय द्वारा विगत 4 सितम्बर को पत्र जारी कर उपसंचालक सागर को दोषियों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कराये जाने के निर्देश दिये गये थे परंतु सागर उपसंचालक प्रवीण वर्मा द्वारा इस गंभीर मामले में लापरवाही बरती गई एवं सभी कुछ नियमानुसार बताया गया था जिसको लेकर विभाग द्वारा विगत 27 दिसम्बर को उन्हें निलंबित करने की कार्रवाई की गई थी। विभाग के असहयोग एवं देवरी थाना पुलिस को साक्ष्य उपलब्ध कराये जाने के आभाव में मामला लगभग 2 माह लंबित रहा। इस दौरान जिले एवं प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों को भी फजीहत का सामना करना पड़ा।
संलिप्त 25 पर आपराधिक प्रकरण दर्ज
विगत सोमवार मामले की जांच कर रही देवरी थाना पुलिस द्वारा विभाग से प्राप्त जांच प्रतिवेदन एवं दस्तावेजों के आधार पर तत्कालीन मंडी सचिव संतोष कुमार दुबे, मंडी कर्मी इरफान खान, कैलाश दुबे, बृजेश तिवारी, अशोक सिंह ठाकुर, आनंद मेहरा, जयंत किशोर पाण्डे, अभिलाष सोनी, हरिकृष्ण दीक्षित, अजय रजक एवं संलिप्त फर्म रोशनी फल भंडार देवरी, सरमन किसान एण्ड कंपनी, परी ट्रेडिंग कंपनी, जय गुरूदेव ट्रेडिंग कंपनी, विकास फल सब्जी भंडार, बलराम ट्रेडिंग कंपनी, कुशवाहा एण्ड कंपनी देवरी, जय बजरंग ट्रेडिंग कंपनी, कृतिका फल सब्जी ट्रेडिंग कंपनी, जय हरसिद्धी माँ ट्रेडिंग कंपनी, अनुराग ट्रेडिंग कंपनी, लक्ष्मी ट्रेडर्स देवरी, कुशवाहा ट्रेडिंग कंपनी गौरझामर, जय लक्ष्मी ट्रेडिंग कंपनी देवरी के विरूद्ध भादवि की धारा 420, 467, 468, 471, 34 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है।
सरकारी योजनाओं में अनुदान राशि की लूट की यह अकेली वारदात नही है जिले की अन्य मंडियों में भी विगत वर्षो में प्याज एवं लहसुन खरीद में भारी फर्जीवाड़ा किया गया है जिसकी जांच चल रही है जिसमें बड़े खुलासे सामने आने की उम्मीद है।
प्याज उत्पादक किसानों को सरकार के द्वारा प्रोत्साहन योजना का लाभ प्रदान किया जाना था जिसके पंजीयन उद्यान विभाग द्वारा किये गये थे एवं देवरी मंडी से व्यापारियों द्वारा खरीदी की गई थी। इस प्रक्रिया में भारी गड़बड़ी की शिकायते सामने आई थी जिसकी कृषि एवं उद्यान विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जांच की गई थी जिसमें मंडी अधिकारी कर्मचारियों एवं 15 फर्मो की संलिप्ता पाई गई थी जिस पर जांच प्रतिवेदन के आधार पर मामला दर्ज किया गया है: अजीत पटेल एसडीओपी देवरी।
मामलें में जांच के उपरांत विभाग द्वारा तत्कालीन मंडी सचिव सहित 10 कर्मचारियों एवं 15 खरीद फर्मो के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कराया गया है। मामले में कागजों की हेराफेरी की गई है, प्रकरण की जांच पुलिस थाना देवरी द्वारा की जा रही है: रामचरण ठाकुर मंडी सचिव देवरी।
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