नरेंद्र इंगले, ब्यूरो चीफ, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
5 जनवरी को दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) कैम्पस के अंदर घुसकर छात्रों के साथ की गयी मारपीट के विरोध में जलगांव राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की ओर से आंदोलन किया गया। पार्टी के जिलाध्यक्ष रविन्द्र पाटिल की अगवाई में युवा नेता अभिषेक पाटिल समेत तमाम राष्ट्रवादियों ने सड़क पर उतरकर JNU में हुई हिंसा की कड़ी निंदा की और इस हिंसा के लिए केंद्र की मोदी सरकार को जिम्मेदार बताते हुए आंदोलनकारियों ने केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की साथ ही ABVP औऱ भाजपा पर जमकर तंज कसे।
विदित हो कि 5 जनवरी को दिल्ली के JNU में शांतिपूर्ण तरीके से फीस विरोधी आंदोलन करने वाले छात्रों पर कथित नकाबपोश तत्वों ने हमला कर दिया जिसमें छात्र नेता आईशी घोष का सिर फट गया और भूगोल विभाग की महिला प्रोफेसर सुचरिता सेन को भी गंभीर चोटें आईं। साबरमती होस्टल के निकट हाथ में लाठी-डंडों के साथ आये असामाजिक तत्वों द्वारा की गई इस एकतरफा हिंसा में करीब 40 से अधिक छात्र मारपीट का शिकार हुए। JNU कैंपस में लाठी-डंडों के साथ घुसे नकाबपोश गुंडों की पहचान किसी कट्टरपंथी संगठन से की जा रही है। CAA व NRC का विरोध कर रहे अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ पुलिसिया मारपीट में शामिल बाहरी तत्वों की मौजूदगी के मामले की प्रशासन की ओर से अब तक जांच ही की जा रही है वहीं बीते कई सालों से समाज के बीच JNU को राष्ट्रविरोधी घोषित करने की विशेष मुहिम भी चलायी जा रही है जिसमें सोशल मीडिया और उन्नीस बीस मीडिया अपना दायित्व किस ढंग से निभा रहा है यह अलग से बताने की शायद कोई आवश्यकता नहीं है। आज JNU के वाइस चांसलर ने अपने बयान में पीड़ित छात्रों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए शायद अपनी नौकरी भले ही बचा ली हो अब उम्मीद यह भी की जा सकती है कि वह अपनी आंतरात्मा की आवाज से भी बचते रहे हैं।
JNU में हुयी हिंसा के विरोध में महाराष्ट्र के लगभग सभी विश्वविद्यालयों से आवाजें उठ रही हैं। जनता द्वारा किसी पार्टी को मिला भारी जनादेश का अहंकार आखिर कितना भयानक होता है जो उसी जनता का सब कुछ तबाह करने पर आमादा हो जाता है औऱ जनता का अपना दर्पण कहे जाने वाला उन्नीस बीस मीडिया सरकार के साथ मिलकर पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का फर्जी सपना बेचने में मसरूफ रहता है। JNU से उठने वाली यही आवाजें कल सड़कों पर सैलाब बनकर आक्रोशित होंगी और भारत के आने वाले भविष्य को अपने जुनून से रोशन करेंगी और लोकतंत्र को सशक्त बनाएंगी। राजनीतिक तर्ज पर NCP ने सड़कों पर उतरकर इन्हीं आवाजो को बुलंद करने की कोशिश की है।
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