अब्दुल वाहिद काकर/सलीम शेख, धुले (महाराष्ट्र), NIT:
शनिवार को जमीयत उलेमा-ए-हिंद (अरशद मदनी) के बैनर तले नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए), राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनसीआर) के विरोध में कबीर प्रतिमा अस्सी फ़ीट रोड पर विशाल रैली का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शन में हिंदू, मुस्लिम, दलित संगठन शामिल रहे, जिनमें सबसे बड़ी तादाद युवाओं की थी। सभी धर्मों के लोगों ने इस आंदोलन को समर्थन किया। जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सीएए और एनआरसी वापसी की मांग की और कहा कि तोड़फोड़, हिंसा गैरकानूनी और शरीयत विरोधी हैं।
हिंदुस्तान में सभी का खून मिला है किसी एक के बाप की जागीर नहीं आदि के नारे लगाए युवाओं ने काली पट्टी बांधकर तख्तियों के जरिए केंद्र सरकार को चेतावनी दी और हाथ में तिरंगा, मुंह से जय भारत के नारे लगाए।
मुफ़्ती हारून नदवी ने संविधान बचाओ रैली में हजारों लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन कानून को देश की धर्मनिरपेक्षता और संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताते हुए सीएए और एनआरसी की तत्काल वापसी की मांग की। इसके साथ ही सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसक घटनाओं को शरीअत के खिलाफ बताया।कहा कि तोड़फोड़ हिंसा गैर कानूनी तो है ही, यह शरीअत विरोधी भी है। भाईचारा, शांति और हिंदू-मुस्लिम एकजुटता देश की ताकत है, हम इसकी रक्षा करेंगे। हिंसा, पत्थरबाजी या आगजनी की अनुमति किसी को नहीं है। हिंसा हमें नुकसान पहुंचाती है। विरोध और शांतिपूर्ण रैलियां जारी रखें और सरकार तक अपनी बात पहुंचाते रहें। जनता से किसी भी तरह की हिंसा से बचने की अपील की।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के बैनर तले सर्वधर्म नागरिकों के साथ युवाओं ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए), राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनसीआर) के विरोध में हुंकार भरी, सरकार के विरोध में नारे लगाए, तख्तियों पर केंद्र सरकार के फैसलों का विरोध साफ देखा जा सकता था। विरोध प्रदर्शन में नहीं चेलगी ताना शाही, इंकलाब जिंदाबाद, हिंदुस्तान जिंदाबाद, एनसीआर – सीएए निरस्त करो के नारों से परिसर गूंज उठा। प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा। कहीं किसी को कोई परेशानी नहीं हुई। पुलिसकर्मियों को कानून व व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग भी किया और फिर शांतिपूर्ण तरीके से अपने-अपने घर लौट गए।
विधायक फारूक शाह ने संविधान बचाओ रैली को संबोधित करते हुए कहा कि शिवसेना प्रमुख तथा महाराष्ट्र मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विधानसभा सत्र के दौरान वादा किया है कि महाराष्ट्र सरकार संविधान विरोधी कानून को किसी भी हालत में महाराष्ट्र में लागू नहीं करेंगी।
पूर्व उप महापौर शव्वाल अंसारी ने जन समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि एनसीआर – सीसीए कानून असंवैधानिक है। दलित, मुस्लिम तथा कुछ हिंदू भी इस कि चपेट में आएंगे। मोदी सरकार इस कानून की आड़ में मतदान का अधिकार छीनने का षड्यंत्र रच रही है। प्रधानमंत्री मोदी को इस आंदोलन के प्रदर्शनकारी कपड़े दिखाई देते हैं जबकि दादरी में जुनैद हत्याकांड, पहलू खान की हत्या, आसिफा की हत्या तथा भीड़ तंत्र द्वारा किए गए हमलों के हमलावरों के कपड़े मोदी सरकार को दिखाई नहीं देते, इस तरह का व्यंग उन्होंने मोदी सरकार पर किया। इस अवसर पर हेमंत मादाने, सुजीत गोदाम, इरशाद जहांगीरदार, युवराज करणकाल, एमजी धिवरे, रणजीत भोसले, हाफिज हिफजु रहमन, मौलाना जियाउर्रहमान, शकील कासमी, हिलाल कासमी, मुश्ताक सूफी आदि गणमान्य व्यक्तियों ने एसडीएम दराडे को विरोध अनशन के पश्चात एनसीआरसी सीएए के कानून को निरस्त करने का ज्ञापन सौंपा।
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