आसिम खान, ब्यूरो चीफ, छिंदवाड़ा (मप्र), NIT:
‘‘आज कार्न फेस्टिवल के रूप में अपने छिंदवाड़ा को लेकर देखा गया मेरा एक और सपना साकार हुआ है। 40 साल पहले छिंदवाड़ा के किसानों की क्या हालत थी यह सभी जानते हैं। संपूर्ण मध्यप्रदेश में कृषि एवं उद्योगों के क्षेत्र में हमारा छिंदवाड़ा सबसे पिछड़ा हुआ था परंतु आप सभी के प्यार, विश्वास और दी गई बल और शक्ति से मैंने प्रयास किये, अध्ययन किया कि अपने कृषि क्षेत्र में कैसे मजबूती लायें, किसानों की प्रगति के लिये क्या संभव है और क्या किया जावे, तब मैने देखा कि प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरागांधी जी से चर्चा कर अपने छिंदवाड़ा को सोयाबीन मिशन से जोड़ा और जिले में सोयाबीन क्रांति की शुरूआत हुयी और अब हम संपूर्ण प्रदेश नहीं बल्कि संपूर्ण भारतवर्ष में छिंदवाड़ा में सर्वाधिक मक्का उत्पादन कर एक नयी क्रांति की ओर बढ़ रहे हैं’’, उक्त उदगार आज प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथजी ने स्थानीय पुलिस मैदान में आयोजित राज्यस्तरीय कार्न फेस्टिवल के उद्घाटन अवसर पर कहे। श्री कमलनाथ ने कहा कि सोयाबीन मिशन को लेकर सभी को शक था, सिंचाई के संसाधन केवल 2 प्रतिशत थे। यहां से हमारी शुरूआत हुयी और हमने मक्के का अभियान शुरू किया। मैंने अंतर्राष्ट्र्रीय स्तर पर इस फसल का आंकलन किया और आज हम गर्व से कह सकते हैं कि भारत मे छिंदवाड़ा जिला सबसे बड़ा मक्का उत्पादक जिला है जहां मक्के के हर किस्म की फसल हमारे किसान लगाते हैं।
मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने कहा कि किसानों की आर्थिक मजबूती से बाजारों में रौनक है। देश के 50 प्रतिशत लोगों का जीवन कृषि क्षेत्र की मजबूती से जुड़ा है । प्रदेश व देश की अर्थव्यवस्था किसानों पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि पहले उत्पादन एक चुनौती हुआ करता था परंतु आज बढ़ता हुआ उत्पादन एक चुनौती है। श्री कमलनाथजी ने आशा व्यक्त की है कि मक्का का भविष्य बहुत अच्छा है। उन्होंने यह भी कहा कि अब छिंदवाड़ा के पास एग्रीकल्चर व हार्डीकल्चर काॅलेज भी हैं। हमारी नयी पीढ़ी तेजी से कृषि क्षेत्र की ओर बढ रही है और भविष्य में छिंदवाड़ा के समृद्ध किसान धोती कुर्ता नहीं बल्कि जींस टीशर्ट में नजर आयेंगे।
इस अवसर पर कार्न फेस्टिवल में सम्मिलित हुये वैज्ञानिक, विशेषज्ञ, उद्योगपति, व्यापारी व जिले व प्रदेश से आये किसानों का स्वागत करते हुये जिले के सांसद श्री नकुलनाथ ने कहा कि छिंदवाड़ा की पावन भूमि पर मनाये जा रहे इस नये त्यौहार का रूप ही निराला है।
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