नागरिकता संशोधन बिल भारतीय संविधान के मूल भावना के खिलाफ है, देश के लोगों को धर्म के आधार पर विभाजित करने वाले नागरिकता संशोधन बिल को रद्द किया जाए: अबू आसिम आज़मी | New India Times

सलीम शेख, धुले/मुंबई (महाराष्ट्र), NIT:

नागरिकता संशोधन बिल भारतीय संविधान के मूल भावना के खिलाफ है, देश के लोगों को धर्म के आधार पर विभाजित करने वाले नागरिकता संशोधन बिल को रद्द किया जाए: अबू आसिम आज़मी | New India Times

समाजवादी पार्टी के मुम्बई /महाराष्ट्र अध्यक्ष और विधायक अबू आसिम आजमी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर केंद्रीय कैबिनेट द्वारा मंजूर नागरिकता संशोधन बिल को रदद् करने की अपील की है। आजमी ने पत्र में बताया है कि नागरिकता संशोधन बिल देश के संविधान के मूल भावना के खिलाफ है। संविधान में बिना किसी भेदभाव के देश के नागरिकों को न्याय देने की बात है। संविधान की धारा 14 के तहत सभी नागरिकों को समानता का अधिकार मिला हुआ है लेकिन केंद्र सरकार इस मौलिक अधिकार का उल्लंघन कर एक ऐसा बिल ला रही है जिसके आधार पर गैर मुस्लिम पाकिस्तान, बांग्ला देश और अफगानिस्तान से आए शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने की बात कही गई है।आजमी ने बताया कि हमारा देश भारत एक सर्व धर्म संभाव वाला देश है, केंद्र सरकार इस भावना के खिलाफ नागरिकता बिल ला रही है। उन्होंने आगे बताया कि यह बिल देश के धर्मनिरपेक्ष संविधान के खिलाफ है और मोदी सरकार इस बिल को पेश करके संसदीय अधिकार के दुरुपयोग की कोशिश कर रही है इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। आजमी ने बताया कि 14 दिसंबर को दोपहर 2 बजे आजाद मैदान में बिल के खिलाफ धरना प्रदर्शन होगा। इसके बाद 16 दिसम्बर को नागपुर में धरना देंगे। अजामी ने राष्ट्रपति से मांग की है कि अपने अधिकार का इस्तेमाल कर इसे संसद में पेश न होने दें।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading