बचके रहना रे बाबा: पुलिस - दलाल और अपराधियों के गठजोड़ में चली जाती हैं कुर्सियां | New India Times

रहीम शेरानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:बचके रहना रे बाबा: पुलिस - दलाल और अपराधियों के गठजोड़ में चली जाती हैं कुर्सियां | New India Times

दो राज्य गुजरात-राजस्थान की सीमा पर बसा मेघनगर ना केवल अपराधी पृष्ठभूमि वाला क्षेत्र माना जाता है बल्कि यहां अपराध के बाद अपराधी भांजगड़ी करने में भी माहिर माने जाते हैं। ये भांजगड़िये (दलाल) छुट पूंजिये नेता या अपराधियों को आश्रय देने वाले होते हैं जो अपराधी के पकड़े जाने के तुरंत बाद थाने के आसपास मंडराते रहते हैं एवं मौका देखकर थाना प्रभारी को प्रलोभन देकर भांजगड़ी आगे बढ़ते हैं एवं येन केन प्रकरण अपराधी पर अपराध भी पंजीबद्ध होने नहीं देते जिससे थाना प्रभारी, अपराधी एवं भांजगड़ियों की जमकर चांदी हो जाती है।
अगर एक बार थाना प्रभारी ने भांजगड़ियों को थाने में बैठाया की भांजगडिये (दलाल) थाना प्रभारी के सर पर चढ़ बैठता है एवं अनेकों कार्य विधि विरुद्ध करवा देते हैं।
थाना प्रभारी पर अगर किसी अपराधी पर प्रकरण दर्ज करने का दबाव बढ़ता है एवं थाना प्रभारी अपराध कायम कर लेता है तब भांजगड़ीये छोटे-मोटे नेताओं को जाकर वह सारी जानकारी उपलब्ध करवा देते हैं फिर होती है शिकायत दिल्ली, भोपाल।

बचके रहना रे बाबा, भांजगड़ियों से दलालों की खातिर कहीं कुर्सी की बलि न चढ़ जाए।


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By nit

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