महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एमआईएम के मैदान में उतरने बाद आये परिणाम से कांग्रेस में मची हलचल | New India Times

अशफाक कायमखानी, जयपुर/नई दिल्ली, NIT:महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एमआईएम के मैदान में उतरने बाद आये परिणाम से कांग्रेस में मची हलचल | New India Times

हाल ही में हरियाणा व महाराष्ट्र में हुये आम विधानसभा चुनावों के अतिरिक्त देश में हुये उपचुनाव के आये परिणाम के बाद कांग्रेस नेताओं में ओवैसी के उम्मीदवारों के खड़े होने से खासतौर पर महाराष्ट्र में कांग्रेस के करीब बीस उम्मीदवारों के कथित तौर पर हारने के आरोप लगाने की कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में होड सी लग जाने के बाद आसाम के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता तरुण गोगोई ने कहा कि उनके मना करने के कारण आसाम के पिछले आम विधानसभा चुनाव में मौलाना बदरुद्दीन अजमल की स्थानीय पार्टी ऐआईयूडीएफ से कांग्रेस का समझोता नहीं हो पाया था। आगे 2021 में आसाम में होने वाले आम विधानसभा चुनावों में समझौता करके चुनाव लड़ने का इरादा जताया है।
अक्टूबर माह में दो प्रदेशों के हुये विधानसभा चुनाव के साथ अनेक प्रदेशों में उपचुनाव भी हुये हैं जिनमें आसाम की चार विधानसभा सीटों के उपचुनाव में से तीन सीटों पर भाजपा व कांग्रेस उम्मीदवारों के मध्य सीधा मुकाबला था। मात्र एक सीट पर बदरुद्दीन अजमल की पार्टी का उम्मीदवार चुनाव लड़ रहा था जहां से अजमल की पार्टी ऐआईयूडीएफ का उम्मीदवार चुनाव जीता एवं बाकी तीनों सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों को हराकर भाजपा उम्मीदवार जीतने के बाद तरुण गोगोई ने कहा कि साम्प्रदायिक ताकतों को हराने के लिये कांग्रेस को क्षेत्रीय दलों से समझौता करना चाहिए।
इससे अलग हटकर यह है कि महाराष्ट्र-हरियाणा सहित अन्य प्रदेशों में हुये विधानसभा चुनाव व उपचुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के कुल 42 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे जिनमें से दो महाराष्ट्र व एक बिहार के किशनगंज विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार चुनाव जीत गये। महाराष्ट्र में ओवैसी के अनेक उम्मीदवार चाहे चुनाव नहीं जीत पाये लेकिन कांग्रेस उम्मीदवारों से उनके उम्मीदवारों द्वारा अधिक वोट लेने से कांग्रेस का एक खेमा खासा बैचेनी महसूस करने लगा है। बिहार के किशनगंज सीट से उपचुनाव में ओवैसी की पार्टी ऐआईएमआईएम उम्मीदवार जीतने के बाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व दलित नेता जीतन राम मांझी ने ओवैसी को जीत की बधाई देते हुये कहा कि इस परिणाम के बाद दलित व मुस्लिम मतों के गठजोड़ की एक नई राह नजर आने लगी है।
कुल मिलाकर यह है कि कांग्रेस से हटकर अन्य हर मुस्लिम उम्मीदवार व मुस्लिम नेता की पार्टी को कांग्रेस नेता सोची समझी साजिश के तहत बदनाम व कमजोर करने की नियत से भाजपा को फायदा पहुंचाने व वोट कटुवा कहने के आदतन होने के बावजूद अब आसाम मे मोलाना बदरुद्दीन अजमल की पार्टी ऐआईयूडीएफ के लगातार संघर्ष करके चुनावों मे मजबूती के साथ अपने आपकों उभारे रखने की ताकत के कारण कल तक कांग्रेस के दिग्गज नेता उन्हें वोट कटुवा कहते थकते नही थे। आज उनमे से एक कांग्रेस नेता व आसाम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने 2021 में आसाम में होने वाले आम विधानसभा चुनाव मे बदरुद्दीन अजमल से कांग्रेस का समझौता करके चुनाव लड़ने का ऐहलान किया है। इसी तरह जो कांग्रेस नेता असदुद्दीन आवेशी को वोट कटुवा कहते कहते थक नही रहे। कल यही कांग्रेस नेता ओवैसी की पार्टी से समझौता करके चुनाव लड़ने का ऐहलान भी उसकी पार्टी की बढती ताकत के कारण कर सकते है।


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