नरेंद्र इंगले, जलगांव/मुंबई (महाराष्ट्र), NIT:
“महाराष्ट्र के सपनों में रंग भरने वाला ब्रश उद्धव ठाकरे के हाथ में है” शिवसेना नेता संजय राऊत के इस बयान से एक बात बिल्कुल साफ़ हो गयी है कि आनेवाले 15 दिनों तक राज्य में किसी भी दल की सरकार के गठन की कोई संभावना नहीं है। खटाई में पड़ी रबी कि बुआई के लिए मौसम विभाग के हवाले से मानसुन की वापसी वाली मुसलाधार वर्षा की रोकथाम की अटकलें जरुर लगा सकते हैं वैसे भी देश में मौसम विभाग एक ऐसी संस्था है जिसपर जनता का विश्वास अन्य की तुलना में काफी मजबुत हुआ है। मानसून 1 सितंबर से राजस्थान से अपनी वापसी शुरु करता है, दक्षिण पश्चिमी मानसून मौसम जून से सितंबर के बीच समाप्त होता है। इस दौरान गिरने वाली बारिश को एलपीए में सूचीबद्ध किया जाता है जिसमें 1961 से 2010 का औसत 110 आंका गया था, इस बार का एलपीए 2011 से अब तक 119 इतना प्रचंड है। 17 हजार मिलियन लीटर से कहीं अधिक पानी समंदर में डाला जा चुका है। अलमट्टी के कारण प्रशासन द्वारा कोल्हापुर पर थोपी गई बाढ़ और उसके कुप्रबंधन की दोषी फ़डणवीस सरकार को मीडिया के स्नेह से सत्ता वापसी के रुप में क्लीनचिट मिल गयी है, इधर विपक्ष प्रचार में किसान, मजदूर, बेरोजगार, मंदी जैसी बातें करते-करते ताकतवर बनकर उभरा है।
भारी बारिश से राज्य में कितना नुकसान हुआ इसका डाटा अब तक बना नहीं है, इसी को लेकर सोशल मीडिया पर आभासी सरकार को लेकर असंतोष दिखाई पड़ रहा है। 60 साल के जगदेव बोरसे ने बताया कि दीवाली में इस तरह की बारिश मैंने आज पहली बार देखी है। वहीं NGO चलाने वाली डाॅ मनीषा महाजन ने किसानी को लेकर परिजनों का दुखड़ा बयां करते हुए अच्छी पोस्ट लिखी है जिसमें बारिश से प्याज की फ़सलों की बर्बादी का मंजर तथा ग्रामीण जीवन की अर्थव्यवस्था के सुक्ष्म बिंदुओं को रेखांकित किया है साथ ही सुझाव दिया है कि बारिश से सड़ चुकी फ़सलों को रिसायकल करने वाले कुछ प्लांट अगर लग जाएं तो शायद किसानों को अगले खरीफ़ में जैविक खाद मिल सकेगी।
खेती कास्तकारों से जुड़ी समस्याओं तथा संकटों की खबरों को बुलेटिन 20 -50 जैसी चंद मिनटों में फर्राटेदार तरीकों से औपचारिकता के रुप में दिखाने वाले टीवी मीडिया में सीएम के घर कैसे मनाते हैं दिवाली वगैरा वगैरा वाली घंटों तक चलने वाली स्टोरीज के कारण सोशल मीडिया पीड़ितों की सच्ची आवाज बनकर जरुर उभरा है यह बात अलग है कि जिम्मेदारी संभालने वालों पर कुछ हद तक इसका असर ठीक ठाक से नहीं होता है। मौसम विभाग द्वारा जारी सूचना के मुताबिक राज्य में अगले 2 दिनों तक भारी बारिश हो सकती है, रबी की बुआई को लेकर चिंतित किसानों में बारिश के निकासी की आस बनी है ताकि वह किसी के ब्रश और कैनवास से अपने सपनों को रंगता देखने को इस लिए उत्सुक नहीं हैं क्योंकि इस बार छिन चुकी दिवाली की खुशियों से वह अगली बार वंचित न रहें।
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