अस्तित्व बचाने के लिए दो पूर्व विधायक हैं आमने-सामने, धुले शहर विधानसभा सीट पर प्रमुख पार्टियां पहुंचीं हाशिए पर, निर्दलीय प्रत्याशियों में हो रही है टक्कर | New India Times

अब्दुल वाहिद काकर, ब्यूरो चीफ, धुले (महाराष्ट्र), NIT:

अस्तित्व बचाने के लिए दो पूर्व विधायक हैं आमने-सामने, धुले शहर विधानसभा सीट पर प्रमुख पार्टियां पहुंचीं हाशिए पर, निर्दलीय प्रत्याशियों में हो रही है टक्कर | New India Times

धुले शहर विधानसभा सीट पर जहां दो निर्दलीय पूर्व विधायक अपना अस्तित्व बचाने के लिए आमने-सामने हैं वहीं इस सीट पर बीजेपी-कांग्रेस-शिवसेना जैसी पार्टियां हाशिए पर दिख रही हैं।

धुले शहर विधानसभा सीट से अनिल गोटे और कदमबांडे अपनी राजनीतिक अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं जिसमें विधायक अनिल गोटे को एनसीपी-कांग्रेस ने समर्थन देकर उनको गठबंधन में शामिल किया है वहीं कदमबांडे को बीजेपी का समर्थन प्राप्त है। यह वही अनिल गोटे हैं जो कल तक सरेआम एनसीपी-कांग्रेस के नेताओं पर व्यक्तिगत हमला बोला करते थे लेकिन आज उनकी डूबती नैया को पार कराने के लिए एनसीपी व कांग्रेस पार्टी ने उन्हें खुला समर्थन दे रही है।

बताया जाता है कि अनिल गोटे मुस्लिम वोटों पर डेरा जमाने के लिए डोरे डाल रहे हैं वहीं पर कदमबांडे समर्थक सोशल मीडिया पर गोटे के संघी होने के फ़ोटो वायरल कर रहे हैं।

अस्तित्व बचाने के लिए दो पूर्व विधायक हैं आमने-सामने, धुले शहर विधानसभा सीट पर प्रमुख पार्टियां पहुंचीं हाशिए पर, निर्दलीय प्रत्याशियों में हो रही है टक्कर | New India Times

दूसरी तरफ राजवर्धन कदम बांडे पर बीजेपी समर्थित उम्मीदवार होने का आरोप है जिसके चलते हैं धुलिया के मुसलमान दोहरे संकट में पड़ा है की वोट किसको दें क्योंकि एक तरफ संघ के कार्यकर्ता तो दूसरी ओर एमआईएम-समाजवादी के उम्मीदवार मैदान में है लेकिन व्यापक असर नहीं होने से मुस्लिम समुदाय असमंजस की स्थिति में है।

बीजेपी से बागी होकर इस्तीफा दिए अनिल गोटे निर्दलीय होकर चुनाव लड़ रहे हैं वहीं पर एनसीपी स्थापना से सदस्य रहे पूर्व विधायक राजवर्धन कदमबांडे ने कथित भ्रष्टाचार के आरोपों से बचने के लिए निर्दलीय होकर बीजेपी के बाहरी समर्थन से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरे हैं। दोनों उम्मीदवारों के द्वारा एक दूसरे पर निजी व्यक्तिगत टीका टिप्पणी आरोप-प्रत्यारोप का दौर चरम पर है। भारतीय जनता पार्टी के बागी तथा निर्दलीय उम्मीदवार अनिल गोटे पर संघ कार्यकर्ता होने का आरोप और फ़ोटो सरे आम सोशल मीडिया व्हाट्सएप फेसबुक पर प्रसार किया जा रही है वहीं पर एनसीपी के बागी प्रत्याशी राजवर्धन कदमबांडे पर आरोप है कि वे बीजेपी के पुरस्कृत उम्मीदवार हैं।

सूत्रों की मानें तो गिरीश महाजन, डॉक्टर सुभाष भामरे, जयकुमार रावल ने धुलिया की राजनीति के हाशिए से गोटे का नामोनिशान मिटाने के लिए राजवर्धन कदमबांडे को निर्दलीय उम्मीदवार बनाकर भाजपा जिला अध्यक्ष अनु अग्रवाल के पिछले दरवाजे नामांकन पत्र दाखिल करने निर्वाचन कार्यालय में प्रवेश किया था जबकि मुख्य द्वार से नामांकन पत्र दाखिल करवाने कदमबांडे नहीं आए।

भाजपा के पार्षद, कार्यकर्ता सरेआम निर्दलीय उम्मीदवार राजवर्धन कदमबांडे के प्रचार प्रसार में लगे हैं इस प्रकार के फोटो सरेआम सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं जिसका संज्ञान लेते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने जन सभा में गद्दारी को लेकर कहा था कि गद्दारों के हाथ में भगवा ध्वज अच्छा नहीं लगता, हमारी संस्कृति पीठ में छुरा घोंप ने की नहीं है।


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