रहीम हिंदुस्तानी/बृजेश खंडेलवाल, अलीराजपुर (मप्र), NIT:
आदिवासी समाज अपने शहीदों को आदिवासी विश्व दिवस के रूप में मनाता आ रहा है और भविष्य में भी इसी नाम से सम्मेलन एवं आयोजन किए जाते रहेंगे और किसी के द्वारा दिया गया नाम हमें स्वीकार नहीं होगा।
हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आदिवासी विश्व दिवस नाम को परिवर्तित कर युवा महोत्सव नाम दिया है। इस प्रकार किसी राजनिती दल के व्यक्ति के कहने पर हम नाम नहीं बदल सकते, हम सभी इसका पुरजोर विरोध करते है, यह नाम हमारे आदिवासी समाज को विभाजित करने वाला है। हम 9 अगस्त को आदिवासी विश्व दिवस के रूप में ही मनायेंगे। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने हाल ही में विश्व आदिवासी दिवस को नया स्वरूप देते हुए युवा महोत्सव नाम दिया है यह हमारा आदिवासी समाज बर्दाश्त नहीं करेगा ।
आदिवासी समाज का हर व्यक्ति किसी ने किसी दल व संगठन से जुड़ा हुआ है और सभी एकजुटता से आदिवासी विश्व दिवस के रूप में मनाने जा रहे हैं चाहे किसी भी दल का क्यों ना हो, एक जुटता के साथ 9 तारीख को जिला स्तरीय सम्मेलन जोबट में किया जा रहा है। इस अायोजन को लेकर हम जिले के हर ग्राम का दौरा कर आदिवासी समाज चाहे वह भील हो या भीलाला हम सभी से सम्पर्क कर रहे है और इसे आदिवासी विश्व दिवस के रूप मे मनायेंगे ना की युवा महोत्सव के रुप जो थौपा जा रहा है। हमारे समाज के लोग भाजपा का प्रतिनिधित्व भी करते हैं और कॉग्रेस पार्टी के पदाधिकारी भी हैं, हम समाज में राजनिती का प्रवेश नही होने देगे सबसे पहले हम सभी आदिवासी समाज से विलोम करते है । हमारा सभी राजनेतिक दलो से आगृह है कि आदिवासी विश्व दिवस पर राजनिती कर समाज को बाटने का काम नही करे ।
यह बात जिला प्रभारी जोबट आदिवासी विश्व दिवस के प्रताप रावत ( डाबड़ी) ने आम्बुआ क्षेत्र के दौरे के दौरान कहीं एवं सभी समाज जनों से आगामी 9 अगस्त को जोबट में होने जा रहे हैं। जिला स्तरीय आदिवासी विश्व दिवस सम्मेलन में पधारने का आग्रह किया।
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