अवैध पार्किंग में खड़े वाहन हटाने के लिए यातायात पुलिस के पास नहीं हैं क्रेन, जगह-जगह चेकिंग अभियान में चालान काट गुज़ार रहे हैं अपना समय | New India Times

Edited by Abrar Ahmad Khan, भोपाल (मप्र), NIT:

अवैध पार्किंग में खड़े वाहन हटाने के लिए यातायात पुलिस के पास नहीं हैं क्रेन, जगह-जगह चेकिंग अभियान में चालान काट गुज़ार रहे हैं अपना समय | New India Times

मानवाधिकार संरक्षण हेतू गठित व संयुक्त राष्ट्र से सम्बंधता प्राप्त सामाजिक संस्था पीस इंडीया “एनजीओ” अवैध पार्किंग व शासकिया भूमि अतिक्रमण के खिलाफ़ अभियान चलाएग और आला-अधिकारियों को ज्ञापन देगा।
पीस इंडीया एनजीओ के प्रदेश अध्यक्ष मो. तारिक़ ने शहरों से अवैध पार्किंग में खड़े वाहनों को जल्द हटाने की गुहार लगाई है। इस मामले में यातायात पुलिस अधिकारी बोले कि नगर निगम से क्रेन वाहन की जुगाड़ करवा दो और नगर निगम से अतिक्रमण हटाने का अमला दिलवा दें। सड़क यातायात की स्थिती यह है कि सड़क के दोनों ओर बने फूटपाथ पर ठेला गुमठी या फेरी वाला चादर बिछा कर अतिक्रमण कर लिया है और अब राहगीर सड़क पर पैदल भी नहीं चल सकते हैं। अवैध पार्किंग कर खड़े वाहन से चक्काजाम होता है और उससे प्रदूषण फैलता है।
शहर बस गये शहरों की जन्संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही उसके साथ सम्पत्ती कर जल कर विद्धुत कर आयकर सैवा कर सहित अन्य कर बढ़ते जा रहें तो दूसरी तरफ़ कम होती जा रहीं सार्वजनिक सुख सुविधायें ! जिसका उदाहरण आपका शहर जहां नगर पालिका निगम भवन निर्माण सहित अन्य सुविधायें देने की उसकी ज़िम्मेदारी है लेकिन भवन निर्माण करते समय चार पहिया वाहन के लिए पार्किंग नहीं बनाते शहर वाले सड़क तो उनके बाप की अधिकारी कभी आकर देखते नहीं ! नगर पालिक निगम चुनाओं में सड़क चौड़ीकरण व्यवस्थापन सहित कई वादे संघटन कार्यक्रताओं नेताओं की लाचारी चुनाओं फिर आने को !

“गाड़ीयां अगर आपकी तो तकलीफ़ दूसरों को क्यों देतें है ! सड़क यातायात व्यवस्थापन व अवैध पार्किंग वाहन के विरुध कार्यवाही करने का नहीं है अधिकार थाना प्रभारी को वर्ना किसकी मजाल डायल-100, चार्ली, चैतक के होते हुये कोई सड़क पर अपना वाहन अवैध पार्किंग करें !”


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading