वी.के.त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:
चंद शिक्षकों की मनमानी के आगे सरकार के गुणवत्ता परक शिक्षा दिलाने के प्रयासों पर तो पानी फिर ही रहा है साथ ही साथ पूरे विभाग को बदनामी उठानी पड़ रही है।इन महानुभावों के कारनामों के चलते मेहनती व निष्ठावान कर्तव्य निष्ठ शिक्षकों को भारी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं।लोग उनको भी इसी नजर से देखते हैं जिससे पूरे विभाग की किरकिरी होने के बाद भी बीएसए खीरी द्वारा आरोपी शिक्षक के विरुद्ध कार्यवाही न करने से सरकार के प्रयासों पर पानी फिर रहा है और जिम्मेदार AC में बैठकर मलाई काटते नजर आ रहे हैं। परिणाम स्वरूप बेसिक शिक्षा बेपटरी दिखाई पड रही है। ऐसा ही एक ताजा मामला विकास खण्ड निघासन के गांव धर्मापुर स्थित जूनियर हाईस्कूल में देखने को मिला है जहां पर तैनात प्रधानाध्यापक ताहिर बैग स्कूल जाने के बजाये अपना अधिकांश समय अपनी क्लिनिक खान क्लिनिक सुन्दरवल में ही व्यतीत करते देखे गए हैं। इन्हें बच्चों को शिक्षा देना शायद अच्छा नहीं लगता है, पगार सरकार की तो लेते हैं पर झोलाछाप डॉक्टरी कर अपनी तिजोरी भरते देखे जा सकते हैं। यह मामला काफी अखबारी सुर्खियां बना पर विभागीय जिम्मेदारों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रहा है। जिससे यह सिद्ध होता है कि सरकारी आदेशों से भी इस शिक्षक का कद बड़ा है या फिर अधिकारियों तक डॉक्टरी का पैसा पहुंच रहा है। इतना ही नहीं उच्च अधिकारियों व मुख्यमंत्री पोर्टल पर प्रेषित शिकायतों में एबीएसए द्वारा फर्जी जांच आख्या लगाया जाना इनके भ्रष्ट आचरण की ओर इशारा करता है। अब देखना यह है कि उक्त शिक्षक के विरुद्ध कार्यवाही होती है या फिर धन बल के दम पर मामले की लीपापोती कर दी जाएगी।