मेहलक़ा अंसारी, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
एक नाबालिग लड़की से अश्लील हरकतें करने के मामले में आरोपी खेल शिक्षक को विशेष सत्र न्यायालय, बुरहानपुर के विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012) में आरोपी दिगंबर उर्फ सतीश पिता रामदास सोलंकी, उम्र 38 वर्ष, निवासी इंदिरा कालोनी, जिला बुरहानपुर को 3 वर्ष सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये का अर्थदण्ड से दंडित किया गया।
प्रकरण की विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुये अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी/ विशेष लोक अभियोजक श्री रामलाल रन्धावे ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि 09.10.2018 को फरियादी छात्रा ने थाना उपस्थित होकर रिपोर्ट दर्ज कराई कि मैं कक्षा 8वीं में पढती हूं । मैं जुलाई 2018 से प्रतिदिन शाम 6 से 7 बजे तक सुभाष उमावि के पीछे बने बेडमिंटन कोर्ट में बेडमिंटन का प्रशिक्षण लेने जाती हू तथा साथ में छोटा भाई भी बेडमिंटन प्रशिक्षण लेने आता है। हमारे बेडमिंटन कोच दिगंबर सोलंकी ने घटना दिनांक 09-10-2018 को बेडमिंटन प्रशिक्षण के दौरान दिगंबर सर बेडमिंटन सिखाने के बहाने मेरे पास आए और मुझे बुरी नियत से हाथ लगाने लगे , मैं उनकी ऐसी हरकत से डर गई तथा दिगंबर सर कई बार बेडमिंटन सिखाते सिखाते मेरा हाथ भी पकड लेते थे। 10-10-2018 को रोज की तरह मै शाम को प्रशिक्षण लेने के लिए गई व मैं एक्सरसाईज कर रही थी तो फिर दिगंबर सर मेरे पास आए और वह मुझे बरी नियत से हाथ लगाया और मेरे साथ छेड़छाड़ की, सर ने मुझे अपने पास बुलाकर अपने पास बैठाया और बोले व् हाइट्सऐप चलाती हो क्या ? मैसेंजर पर बात करती हो क्या ? तुम्हारा पर्सनल नंबर हो तो मुझे दे दो, हमारी फोन पर बात नही हो पाती है तुम्हारे पर्सनल नंबर से बात करेंगे फिर मै मैच खेलने चली गई। सर ने मुझे दोबारा बुलाया फिर मुझसे वही बात करने लग गए। हम बात कर ही रहे थे कि मम्मी पापा मुझे लेने आ गए तथा रात्रि को मैने मम्मी को पूरी बात बताई तथा थाना कोतवाली आकर रिपोर्ट दर्ज कराई। विवेचना पश्चात पुलिस विवेचक ने आरोपी के विरूद्ध 354, 354(क) भादवि, एवं धारा 7/8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के अंतर्गत चालान माननीय न्यायालय में पेश किया।
प्रकरण में सफलता पूर्वक पैरवी अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी/विशेष लोक अभियोजक श्री रामलाल रन्धावे ने की । विचारण पश्चात मा. न्यायालय द्वारा आरोपी को धारा 354 भादवि में पृथक से दंडित न करते हुए एवं धारा 7/8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 में 3 वर्ष सश्रम कारावास एवं 1000 अर्थदण्ड से दंडित किया।
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