स्वामी निगमानंद सरस्वती जी के पुण्य तिथि पर हुआ विचार गोष्ठी का आयोजन | New India Times

अंकित तिवारी, ब्यूरो चीफ, प्रयागराज (यूपी), NIT:

स्वामी निगमानंद सरस्वती जी के पुण्य तिथि पर हुआ विचार गोष्ठी का आयोजन | New India Times

स्वामी निगमानंद सरस्वती जी की 9 वीं पुण्य तिथि के चौथे दिन आज विचार गोष्ठी मातृ सदन हरिद्वार में हुई। मंच का संचालन प्रातः स्मरणीय श्री गुरुदेव स्वामी श्री शिवानंद जी महाराज जी ने किया। उन्होंने गोष्ठी की शुरुआत करते हुए कहा कि कल अधिकांश लोगों का मत था कि अनशन होना चाहिए लेकिन उससे पूर्व थोड़ा समय दिया जाए। पुण्यानंद जी ने कहा था कि रणनिति बदलनी चाहिए। पद्मावती ने इस बार खुद को अनशन पर बैठने का अनुरोध किया था, दयानंद अगला बलिदान स्वयं के दिये जाने की बात की थी, आत्मबोधानंद ने कहा था अनशन पर वह बैठेगा, सफदरजंग अस्पताल दिल्ली से आये शशि ने कहा था कि आवयश्यकता पड़ने पर वह भी अनशन पर बैठेंगे। आज सभा की शरुआत में ही दिल्ली से आई 11 वर्षीया विद्या ने कहा कि सरकार वादा पूरा नहीं करती है तो वह अनशन पर बैठेगी। आज जो विचार आये उसमे हरिद्वार नागरिक परिषद के अध्यक्ष डॉ0 विजय वर्मा जी ने कहा कि विचार गोष्ठी का आयोजन कर सभी का मत लेकर आगे की रणनीति बनाया जाने का विचार अच्छा रहा। सरकार को बात माननी पड़ेगी। उन्होंने ज्यादा से ज्यादा पत्र प्रधानमंत्री कार्यालय पत्र भेजने को कहा कि आखिर माँगे मने जाने के बाद क्यों क्रियान्वयन नहीं हुआ। सत्य शाश्वत है और सत्य ही प्रतिष्ठित होगा। पूरे विश्व के लोग जान गए हैं कि मातृ सदन एकमात्र संस्था है जो सही अर्थ में पर्यावरण के लिए सही अर्थ में कार्य कर रही है। उसमे देहरादून से आये श्री अंजय वर्मा जी ने कहा कि शायद वे अनशन करने के पक्षधार नहीं हैं। उन्होंने संवैधानिक व्यवस्था प्रदत्त न्यायालय में अपनी बात रखकर समस्या का समाधान ढूंढने की बात कही। उन्होंने कहा कि सीधे प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी जी से बात की जाए।केदारघाटी से आईं श्रीमती सुशील भंडारी जी ने कहा की वे भी अनशन करने को तैयार हैं। प्रातः वन्दनीय श्री गुरुदेव जी ने कहा कि इंटेलिजेंस वाले देख लें, यहाँ कोई किसी को अनशन पर बैठाता नहीं है बल्कि मातृ सदन की भूमि ऐसी है कि यहाँ अनशन पर बैठने के लिए एक दूसरे में होड़ लगी रहती है। उन्होंने हरिद्वार के एसएसपी और डीएम को माफिया परस्त बताते हुए कहा कि दोनों अवैध खनन करवाते हैं और एसएसपी श्री जन्मेजय खंडूरी तो हरिद्वार के अच्छे शिक्षण संस्थान को नष्ट करने में लगे हैं।

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प्रातः वंदनीय श्री गुरुदेव जी ने कहा कि अनेकों विचार आये, व्हाट्सएप के माध्यम से झारखंड से बीपी झा ने कहा कि समय दिया जाना चाहिए अनशन से पूर्व। तोक हरसारी से नरेंद्र पोखरियाल जी ने भी व्हाट्सएप कर सभी को मातृ सदन पहुँच कर बड़े आंदोलन शुरू करने की बात कही। मैं कल से ही सोच रहा था। हम उतावले नहीं हैं, पूरा ब्रह्मांड हमारे हृदय में समय है, किसी का अहित नहीं सोचते हैं, लेकिन हम मिट्टी की तरह कोमल हैं तो वज्र की तरह कठोर भी। यहां एक बात बता दूं कि आज से 6 साल पहले 2013 में ऐसे ही तपस्या की अवहेलना की गई और आपदा में कितने लोग मारे गए। जब अधिभूत में सुधार की गुंजाइश खत्म हो जाती है तो अधिदैव उतरता है, सत्यनिष्ठ व्यक्ति को कठिनाइयों से जूझना पड़ता है लेकिन किसी सत्यनिष्ठ व्यक्ति का कष्ट बहुत बड़े आपदा को लाता है। इस बार फिर वही समय है। सरकार सत्यनिष्ठ व्यक्ति की अवहेलना कर रही है। बाबा केदार क्षमा करें लेकिन ये बात है। इंटेलीजेंस वाले आत्मबोधानंद के अनशन के समय आत्मबोधानंद के द्वारा जांच कराने से पूर्व पूछे गए 15 प्रश्नों का जिक्र न कर झूठी सूचना प्रेषित की कि वे जांच ही नहीं करवा रहे हैं और इसी रिपोर्ट पर आत्मबोधानंद को उठाकर मारने का पूरा प्रयास किया गया। पुलिस को उस जिलाधिकारी से समन्वय करने को कहा जाता है जो संतों को मारने और मरवाने की पीछे लगा हुआ है। यही नहीं इंटेलिजेंस को लाभदायक सूचना देने को कहा जाता है, भला पुलिस के लिए अनशन में लाभदायक सूचना क्या हो सकती है? केवल यही कि आत्मबोधानंद को मार दो। अब जो निर्णय लिया गया है वह यह कि इस बार हम पद्मावती के अनुरोध को स्वीकार हैं। सब लाइन में है, में स्वयं भी बलिदान को तैयार हूं। मातृ सदन की मातृ शक्ति माता को बचाने के लिये आगे आ रही है। जब पुरुष शक्ति असफल हो जाती है तो मातृ शक्ति का उदय होता है। माता को बचाने के लिए मातृ सदन से मातृ शक्ति आगे आई है। हम सरकार को 2 महीने का समय देते हैं। बीच जिन किसी को सरकार से या अन्य किसी सक्षम अधिकारी से समन्वय स्थापित करना हो वो करें और मातृ सदन भी अपने स्तर से सरकार की मंशा जानने की चेष्टा करेगी। मातृ सदन को जो आश्वासन दिया गया है उसका अगले 2 महीने के भीतर क्रियान्वयन नहीं किये जाने पर अनशन शुरू होगा।


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