नरेंद्र इंगले, ब्यूरो चीफ, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
जामनेर तहसील में एमआरजीएस (महाराष्ट्र रोजगार गारंटी योजना) के तहत किसानों को करीब 3000 (तीन हजार) बावडियां बनाकर दीं जाएगी। इस योजना का लाभ देने के लिए अगर किसी भी संबंधित सरकारी कर्मी ने रिश्वत की मांग की तो उसकी शिकायत सीधे मुझसे करें, कथित रिश्वतखोरों पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी, ऐसा आह्वान जलसंपदा तथा प्रभारी मंत्री गिरीष महाजन ने किया है। 13 जुन की रात 8 बजे मंत्री जी के बंगले पर आयोजित पत्रकार परीषद में महाजन ने उक्त योजना के विषय में जानकारी दी। योजना के प्रशासनिक क्रियान्वयन को लेकर किसी भी बिंदु पर कोई व्यापक जानकारी हासिल नहीं हो सकी।
इस किसान हितैशी स्कीम पर राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता संजय गरुड से संवाददाता द्वारा संपर्क स्थापित किया गया तो अपनी प्रतिक्रिया में गरुड ने कहा कि MRGS की स्कीम वाली संकल्पना आगामी विधानसभा चुनावों में लोकप्रियता बटोरने का भाजपा का फ़ार्मूला है। अब मान्सून में इन बावडियों का निर्माण कैसे संभव है? रही बात इस योजना में प्रशासनिक रिश्वतखोरी की संभावना की तो मैं यह कहुंगा कि यह स्कीम चलाई भी गयी तो लाभधारकों के आवेदन भरने से लेकर कागजी खानापुर्ती करने में लगे भाजपा कार्यकर्ता ही धांदली में संलिप्त रहते नजर आयेंगे।
विदीत हो कि क्षेत्र के कुल 8 जिला परीषद गुटों में सम्मिलित करीब 200 गांवों में से महज 25 फीसदी यानी 50 गांव अकाल से कुछ हद तक परे है। 150 गांवों में सुखे कि भीषण स्थिती है ! सिंचायी के लिए निर्मित तालाब और सभी स्त्रोत कब के सुख चुके हैं। 174 पेयजल योजनाओं में से कयी अधर मे लटकि है जिसे लेकर CEO जिला परीषद ठेकेदारो को चार महिने पहले हि लाइन हाजिर कर चुके है! इन स्थितीयो मे स्वाभावीक रुप से अगर MRGS कि यह महारोजगार वाली स्कीम फरवरी मे ही अमल में लाई जाती तो आज किसानो को निश्चित रुप से मान्सुन के मुहाने उसका लाभ हो सकता था ! हजारो बेरोजगारो को रोजगार भी मिल जाता लेकिन अब इसी स्कीम को बरसात मे अमल मे लाना मतलब दाढी मे तिनका खोजने जैसा होगा !