सरकार द्वारा संचालित दस्तक अभियान के अन्तर्गत महिला बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त अमले ने घर-घर दी दस्तक | New India Times

पंकज शर्मा, ब्यूरो चीफ, धार (मप्र), NIT:

सरकार द्वारा संचालित दस्तक अभियान के अन्तर्गत महिला बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त अमले ने घर-घर दी दस्तक | New India Times

सरकार द्वारा संचालित दस्तक अभियान के अन्तर्गत महिला बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग के अमले द्वारा तिरला ब्लॉक में 10 जून से 20 जुलाई तक दस्तक अभियान चलेगा। दस्तक अभियान के प्रथम दिन 0-5 वर्ष के 515 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।इस स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान प्रथम दिन स्वास्थ्य दस्तक दल द्वारा ORC घोल बनाने की विधि के बारे में बताया गया और जिंक की गोली दी गई व कंगारू नदर केयर के बारे में बताया गया। 0 से 5 वर्ष के बच्चों को विटामिन ए दिया गया। यह सभी कार्य ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर और महिला बाल विकास के समन्वय से सम्पादित किया जा रहा है।
गांव-गांव में घर-घर पर ए.एन.एम., आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा सेहत की दस्तक दी जा रही है।
इस दौरान जन्मजात विकृति से सम्बंधित 1 बच्चे को जिला चिकित्सालय रेफर किया गया। गंभीर एनीमिया के 5 बच्चों को ब्लड ट्राय फ्यूजन के लिए जिला अस्पताल रेफर किया गया है। सरकार द्वारा संचालित दस्तक अभियान के अन्तर्गत महिला बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त अमले ने घर-घर दी दस्तक | New India Times

सी.ओ. सुश्री राधा डावर जनपद पंचायत तिरला, बी.एम.ओ. डॉ. अशोक पटेल, बी.पी.एम. अमरसिंह देवल, बी.सी.एम. सुरेखा परिहार, एमटीएस अरविंद गर्ग, बी.ए.एम. लक्ष्मण शिवले, एलएचव्ही रत्नप्रभा शिरसाठ, समस्त सेक्टर सुपरवाईजर, समस्त मेडिकल आफिसर, समस्त RBSK टीम के द्वारा टीम बनाकर गांव-गांव भ्रमण किया जा रहा है और दस्तक कार्यक्रम का सफल क्रियान्वयन और रिपोर्ट की जा रही है।
दस्तक अभियान के अंतर्गत स्वास्थ्य केन्द्र तिरला के ग्राम खदान बुजुर्ग, बढपिपली, छत्रीपूरा तिरला मेें निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान ए एन.एम. द्वारा दस्तक अभियान के अन्तर्गत चलाई जा रही गतिविधियों के बारे में समझाया गया। आशा कार्यकर्ता ने हाथ धुलाई के बारे में बताया गया। दस्तक दल के सभी कर्मचारियों को निर्देशित किया गया कि दस्तक अभियान के दौरान मिलने वाले गंभीर कुपोषित बच्चाें, गंभीर डायरिया से ग्रसित बच्चाें एवं गंभीर एनीमिया तथा निमोनिया से ग्रसित बच्चों को तुरंत अस्पताल रेफर करें ताकि उसका उचित इलाज किया जा सके।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading