संदीप तिवारी, ब्यूरो चीफ, पन्ना (मप्र), NIT:
पन्ना जिले में गर्मी का प्रकोप बढ़ते ही सड़कों पर गन्ने व पेयजल तरल पदार्थों के विक्रेताओं की बाढ़ सी आ गई है। शहर पन्ना हो या नगर अमानगंज बाजारों में घटिया पेय पिलाने वाले लोग सैकड़ों लोगों की जान व सेहत के साथ खिलवाड़ करने में थोड़ा सा भी संकोच नहीं करते हैं। अधिकांश बोतल बंद शीतल पेय केमिकल युक्त हैं जो शरीर के लिए हानिकारक हैं साथ ही बाजार में केमिकल युक्त सस्ते सोड़ा की भी चलन बढ गई है, लोग बड़े ही चाव के साथ इन्हें पी रहे हैं जो स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो रहे हैं। सड़कों व बाजारों में इन पदार्थों की बिक्री जोरों पर चल रही है बावजूद इसके खाध्य सुरक्षा विभाग अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। बता दें कि सड़कों व बाजारों में लोगों को परोसे जा रहे इन केमिकल से बीमारी फैलने के कई कारण बन सकते हैं। गर्मी के तापमान के कारण अपनी प्यास बुझाने के लिए दूषित पदार्थ पीते ग्रामीण जन बाजारों में देखे जा सकते हैं। आम रस की दुकान हो या गन्ने की दुकान लालची दुकानदार साफ सफाई का कोई ध्यान नहीं रखते। केमिकल युक्त शीतल पेय पदार्थ में कम खर्च में अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में कुछ लोग चार पहिया गाड़ी को मोडीफाई कर केमिकल युक्त सोडा बेचते देखे जा सकते हैं, ऐसे दुकानदार सबसे ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों में अपना धंधा फैलाते हैं जिसमें अमानगंज जैसे कई इलाके शामिल हैं। केमिकल रहित सोडा फ्लेबर तो बहुत आनंद देता है पर बड़ा घातक भी है जिससे हमें कई बीमारियां हो सकती हैं।
जिला अस्पताल के अनुभवी डॉक्टरों का कहना है कि इन केमिकल अथवा दूषित शीतल पेय पीने से वायरल इंफेक्शन, उल्टी, दस्त की बीमारी हो सकती है। केमिकल युक्त सोड़े में मिलावटी रंग शरीर को हानि पहुंचाते हैं साथ ही आप का कहना है कि बेल रस सुद्ध आम का रस जलजीरा लाभदायक है।
जागरूकता की कमी
जागरूकता की कमी के कारण लोग इन केमिकल पदार्थो को पी रहे हैं और अपनी सेहत से खिलबाड़ कर रहे हैं।
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