वी.के.त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:
उत्तर प्रदेश के जनपद लखीमपुर खीरी में आधार नामांकन केन्द्र बन्द होने से आम जनता परेशान हो चुकी है। अभी तक आधार नामंकन केन्द्र जनसेवा केन्द्रों पर चल रहे थे, लेकिन यहां पर आधार नामांकन सुविधा बन्द कर दी गयी है जिसके बाद आधार पंजीकरण केन्द्र बैंकों में बनाए गये थे। जहां पर लोग अपने आधार सही कराने के साथ साथ नामांकन भी करवा रहे थे लेकिन अचानक से बैंकों में यह सुविधा केन्द्र बन्द चल रहे हैं, जिससे लोग अब अपने आधार नहीं बनवा पा रहे है। शहर के आधार केन्द्रों की पड़ताल के लिए पत्रकारों की एक टीम निकली जिसमें केन्द्र पर अव्यवस्था देखने को मिली, वहीं कई आधार केन्द्र बन्द मिले जबकि कई केन्द्रों पर बैंक के गार्ड अपनी मनमानी करने से नहीं चूके।
शहर के बैंक ऑफ बडौदा में आधार पंजीकरण केन्द्र बनाया गया था, जब टीम ने यहां पड़ताल की तो पता चला कि केन्द्र पर नामांकन करने वाला कोई नहीं है तथा आचार संहिता लगने के कारण केन्द्र पर सुविधा बन्द कर दी गयी है। जब पत्रकारों ने बताया कि अन्य कुछ बैंकों में नामांकन प्रक्रिया चल रही है, तो वहां मौजूद कर्मचारियों ने कहा कि चुनाव के बाद आना तब आधार बनाये जायेंगे। इसके बाद टीम आईसीआईसीआई बैंक में पहुंची जहां पर लोगों के आधार तो बन रहे थे लेकिन उनको सुबह नौ बजे टोकन लेना पड़ रहा था। इस केन्द्र पर बैठे कर्मचारी ने बताया कि एक दिन में केवल चालीस फार्म जमा होते हैं, जिनका आधार नामांकन एवं संशोधन किया जाता है। यहां पर यह भी जानना होगा कि दूर दराज पर बन्द हुए आधार केन्द्र के चलते जनता भटक रही है, लेकिन कहीं भी कोई सुनने वाला नहीं है। आधार केन्द्रों की हकीकत देखते हुए टीम जब इंडियन ओवरसीज बैंक पहुँची, तो यहां पर केन्द्र बन्द मिला, जब पूछा गया तो वहां मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि इस केन्द्र पर सुबह दस बजे से दोपहर एक बजे तक नामांकन संशोधन किया जाता है। इसके बाद टीम ने जन्मतिथि को सही कराने की बात पूछी तो बताया कि जन्मतिथि के प्रमाण पत्र में केवल जन्म प्रमाण पत्र होना जरूरी है इसके बाद स्कूल द्वारा जारी दस्तावेज मान्य नहीं है। अब लोगों का कहना है, कि जब विद्यालय की अंक तालिका में दर्ज जन्मतिथि नहीं मान्य होगी तो फिर अंक पत्र का क्या महत्व है। हालांकि आधार कम्पनी यूआईडी ने ऐसा कोई कानून नियम नहीं बनाया है कि अंक पत्र पर जारी जन्मतिथि न मानी जाये।
टीम ने इसके बाद मुख्य डाकघर पहुंची यहां आधार केन्द्र पर काफी भीड़ जमी थी और आधार बनवाने के लिए लोग धक्का मुक्की कर रहे थे। पूछने पर पता चला कि दोपहर से आधार बनाये जाते हैं और शाम को पांच बजे फार्म जमा किए जाते हैं। यहां पर जनता दो तीन दिन दौड़कर अपना आधार बनवाने की कोशिश करती है, फिर भी लोगों को निराशा हाथ लग रही है। शासन की सभी योजनाओं में आधार की अनिवार्यता के चलते लोगों को पहले से ही परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। अब आधार कार्ड बनवाने के लिए भी लोग भटक रहे हैं।डाकघर में कर्मचारी के न आने और लगातार सिस्टम की खराबी के कारण डाकघर में लोगों की भीड़ लगी रहती है।अब तक बैंकों, डाकघर व जनसेवा केंद्रों पर आसानी से आधार बन जाया करते थे लेकिन बाद में इसमें बदलाव हुआ और कुछ चयनित जगहों पर ही आधार बनवाने का काम किया गया। विगत महीनों में बैंक में अलग अलग काउंटर बनाकर आधार बनाने का काम किया जा रहा था, जहां लोगों की भीड़ जुटती थी लेकिन अचानक से उसे बंद कर दिया गया। करीब एक माह तक कहीं पर भी आधार बनाने का काम नहीं हुआ। हालांकि बाद में डाकघर में फिर से आधार बनाना प्रारंभ हुआ लेकिन यहां आए दिन सिस्टम खराब रहने या फिर कर्मचारी के न आने की वजह से लोगों को आधार बनवाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आधार बनवाने वाले लोगों का कहना है कि उन्हें विभिन्न योजनाओं में आधार की जरूरत है, जिसके लिए भटकना पड़ रहा है।