त्रिवेंद्र जाट, देवरी/सागर (मप्र), NIT:
देवरी क्षेत्र में शिक्षा विभाग में अनियमितता के लिए जाना जाने वाला स्कूल जिसमें पदस्थ शिक्षक हरिशंकर ढिमोले जो हमेशा चर्चा में रहते हैं जो न तो स्कूल जाते हैं और न ही बच्चों को पढाते हैं। जानकारी में आया है कि इनको तो बच्चों को पढाते भी नहीं बनता है और शिक्षक बस नामात्र के लिये बने हुये हैं और घर बैठे वेतन लेते हैं और चुनावों में हमेशा भाजपा की नेतागीरी करते नजर आते हैं और अधिकतर प्रोग्राम में देखे भी गये हैं। यह ऐसे शिक्षक हैं जो महीने में एक या दो तीन बार स्कूल जाते हैं और महीने भर की उपस्थिति रजिस्टर में डाल कर आ जाते हैं। सूत्रों के अनुसार यह ठेकेदारी भी करते हैं। वह अपने बेटे के नाम पर ठेकेदारी रजिस्ट्रेशन कराकर स्वयं पूरा काम देखते मिलते हैं। इनकी सागर-नागपुर फोरलाईन NH 26 पर लगे पेडों में पानी डालने का ठेका है जबकि कभी पानी डालने का काम भी नहीं होता है, बस ये स्कूल छोड़कर ठेकेदार बने हुये हैं। इनके ऊपर कार्यवाही करने से अधिकारी डरते हैं क्योंकि इनके भाई अनिल ढिमोले भाजपा के नेता हैं और इनकी दम पर यह सब खेल चल रहा है। लोगों का आरोप है कि यह भाई को गलत कामों में सपोट करते हैं मगर यह नहीं जानते हैं कि शासन के नियमों का उल्लघन करने व बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने को भाजपा पार्टी के बडे नेता भी नहीं कहते हैं और वह भी गलत कार्यों में साथ नहीं देंगे। मगर नेता जी तो पूरी भाजपा की नेतागिरी सिर्फ अपने भाई को सपोट करने में समझते हैं व अधिकारियों को धमकाते फिरते हैं कि मेरे भाई के स्कूल पर कोई कार्यवाही की तो ठीक नहीं होगा, कार्यवाही की तो ट्रांसर्फर करवा देगे। अभी भी भाजपा सरकार न होने पर भी इनकी नेतागिरी पावर में चल रही है।
जब स्कूल की लापरवाही की जानकारी पत्रकारों को मिली तो स्कूल निरीक्षण के दौरान पाया गया कि शिक्षक शिवशंकर ढिमोले स्कूल नहीं आते हैं। ग्रामीणों व वहां के बच्चों के अभिभावकों व प्रभारी प्रधान अध्यापक ओमकार पटेल ने बताया कि महीने में मात्र तीन बार आते हैं और महीने भर की उपस्थिति डालके चले जाते हैं, तो पत्रकारों द्वारा खबर प्रकाशित की गई जिसके दौरान खबर के बाद संकुल प्राचार्य डी एस राजपूत जी व बीआरसी उमाकान्त चौबे टीम के साथ स्कूल पहुंचे तो शिक्षक हरिशंकर ढिमोले अनुपस्थित मिले। संकुल प्राचार्य ने बताया कि शिक्षक ढिमोले निरीक्षण के दौरान 15 मिनट लेट आये तो अनुपस्थिति डाली गई व दो दिन उपस्थिति रजिस्टर में अनुपस्थित पाये गये थे तो नोटिस जारी किया गया था मगर कोई कार्यवाही नहीं हुई जबकि आचार संहिता व चुनाव के कारण कलेक्टर व डीपीसी डीईओ द्वारा सख्त निर्देश दिये गये थे कि यदि कोई शिक्षक स्कूल से अनुपस्थित मिलता है तो सीधा निलंबन की कार्यवाही की जायेगी, तो शिक्षक ढिमोले पर वह नियम व निर्देश क्यों लागू नहीं किया गया? इनपर निलंबन की कार्यवाही क्यों नहीं की गई? खबर लगने व अधिकारियों के निरीक्षण के बाद भी दबंग शिक्षक स्कूल नहीं गये तो पत्रकारों द्वारा फिर खबर प्रकाशित की गई तो शिक्षक हरिशंकर ढिमोले व उनके भाई भाजपा नेता अनिल ढिमोले द्वारा देवरी के एक दलित पत्रकार को खबर छापने व प्रकाशित करने पर जान से मारने व जातिगत गाली गिलोच करके अपमानित किया गया और किसी महिला से झूठे मामले में फंसाने की धमकी भी दी गई, जिसका आवेदन थाना प्रभारी देवरी को भी दिया गया है। जब पत्रकार ने धमकी के बाद भी स्कूल न जाने की खबर प्रकाशित की तो इनके द्वारा नंदना ग्राम की ही एक आदिवासी महिला से छेड़छाड़ की फर्जी शिकायत करायी गई और स्कूल न जाने सम्बंधी धमकी दी गई और पत्रकार पर लगातार खबर न छापने का दबाव बनाया जा रहा है जिससे इनकी लापरवाही की खबर प्रकाशित न हो। जब पत्रकार ने शिक्षक की लापरवाही की और भी जानकारी प्राप्त की तो पाया गया कि ये आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा सेटिंग करके पेसे देकर फर्जी तरीके से शा.उ.उ.मा. विधालय देवरी के छात्रावास में प्रभारी अधीक्षक भी बनाये गये हैं।
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