ओवैस सिद्दीकी, ब्यूरो चीफ, अकोला (महाराष्ट्र) NIT:
अकोला शहर के सबसे अधिक जन संख्या वाले अकोट फ़ाईल परिसर में इस समय चोरी की घटनाओं का ग्राफ दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। आरोप है कि पुलिस की निष्क्रियता की वजह से परिसर में चोर बेखौफ नजर आ रहे हैं। यहां रात के अंधेरे की वारदात तो दूर दिन के उजाले में भी चोर माल पार करने में सक्रिय हैं। बढ़ती चोरी की वारदातों की वजह से अकोट फ़ाईल पुलिस की कार्यशैली पर नागरिक प्रश्नचिन्न लगा रहे हैं क्योंकि पुलिस प्रशासन चोरी की वारदातों पर अंकुश लगाने में सक्रिय नजर नहीं आ रही। पिछले कुछ माह में परिसर में सेंधमारी तथा चोरी की अनेकों बड़ी घटनाएं घट चुकी हैं। हर माह करीब 4 से 5 चोरी की घटनाएं सामने आ रही हैं। यहां आम नागरिकों में जहां खौफ देखा जा रहा है वहीं अपराधी बे खौफ दिख रहे हैं। सेंधमार बेखौफ रूप से घटनाओं को अंजाम देने में सक्रिय नजर आ रहे हैं। बताया जाता है कि कुछ दूसरे प्रांतो से आए चोरों की टोलियां भी यहां सक्रिय हैं। जब इस संदर्भ में आम नागरिक मालुमात रखते हैं तो फिर पुलिस को गुप्त रूप से अपराधियों की खबर क्यों नहीं मिलती? आखिर पुलिस प्रशासन को किस घटना का इंतेजार है? परिसर में सक्षम कानून व्यवस्था क्यों निर्माण नहीं हो पा रही है? कहीं ऐसा तो नहीं कि पुलिस थाने के ही कुछ कर्मचारी,व-अधिकारी इन अपराधीयो को संरक्षण दे रहे हैं? आखिर कब और कैसे अकोला वासी सुरक्षित होंगे और कानूनी व्यवस्था कब चुस्त व दुरुस्त होगी।
पुलिस सुरक्षा हुई ढुलमुल, नागरिक संवय बरतें सावधानी
नागरिक को अंजान व्यक्ति के घर में दाखल होने पर सूचना देने वाले अलार्म सिस्टम को घरों में लगना चाहिए।नागरिक भी इस ओर पूरी तरह ध्यान दें कि परिसर के घरों में चोरी,सेंधमारी की घटनाएं आम हो गई है। पुलिस द्वारा तो गश्त होती है लेकिन केवल दिखावे एवं खानापूर्ति के लिए। परिसर में पुलिस गश्त बढ़ाने की जरूरत महसूस हो रही है साथ ही गश्त को कर्मचारी कर्तव्य दक्षता से निभाएं जिससे इन अपराधियों पर अंकुश लग सके।
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