हाशिम अंसारी, ब्यूरो चीफ, सीतापुर (यूपी), NIT:
नगर पालिका परिषद लहरपुर द्वारा हो रहे विकास कार्यों पर आए दिन प्रश्नचिन्ह लगते रहते हैं। एक बार फिर नगर पालिका परिषद लहरपुर चर्चा में है। मोहल्ला बहलोलपुर के० एम० सी० स्कूल के पास हाल ही में बनी नालियों को जो तस्वीर दिखाई दे रही है उसे देखकर आप हैरान ना हों, यह तस्वीर कोई नाला-नाली या नदी की नहीं बल्कि नगर पालिका परिषद के भ्रष्टाचार की भेट चढ़ा करीब 10 फीट चौड़ा रास्ता है। यह वही रास्ता है जो कि अभी कुछ माह पूर्व नाला निर्माण कार्य के साथ पालिका प्रशासन द्वारा बनवाया गया था। जिस जगह पर पालिका प्रशासन को नाला बनवाना चाहिए था उस जगह पर पालिका प्रशासन द्वारा सिर्फ नाली निर्माण कार्य करवा कर विकास कार्यों के साथ समझौता करते हुए विकास कार्यों में बंदरबांट किया गया जिसका भुगतान आम जनमानस को अदा करना पड़ रहा है। गंदा पानी रास्ते पर बहने के कारण आवागमन प्रभावित हो रहा है। इस रास्ते पर 2 विद्यालय हैं जिसमें करीब 1400 से 1500 बच्चे पढ़ते हैं और उन स्कूलों के 50% बच्चों का गुजर इसी रास्ते है होता है। अब ऐसे में एक बड़ा सवाल ये उठता है कि जहां केंद्र सरकार और राज्य सरकार शिक्षा व्यवस्था को लेकर लाखों रुपए का बजट खर्च करती है और अनुच्छेद 21 (A) के अंतर्गत सभी 6 वर्ष से 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा की व्यवस्था करती है वहीं नगर पालिका प्रशासन के द्वारा ऐसी नालियों और रास्तों का निर्माण किया जाता है जिससे उस विद्यालय तक जाने का रास्ता ठप हो जाता है और उस पर निकलने वाले आम जनमानस एवं छात्र-छात्राओं को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
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