मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रेस कांफ्रेंस कर साधा मोदी सरकार पर निशाना | New India Times

अशफाक कायमखानी, जयपुर (राजस्थान), NIT:

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रेस कांफ्रेंस कर साधा मोदी सरकार पर निशाना | New India Times

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रेस कांफ्रेंस कर मोदी सरकार को जमकर निशाना बनाया। कल हुए प्रेस कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी की यात्रा हुई है जयपुर में, जिस रूप में उन्होंने कल भी और आज भी राज्यों पे आरोप लगाये हैं कि जो राज्य सरकारें उनकी नहीं हैं वहां पर उसको लेके मुझे ऐतराज है क्योंकि एक तो चोरी और ऊपर से सीना जोरी, वो कह रहे हैं कि राज्यों की नींद नहीं खुली है, कॉपरेट नहीं कर रहे हैं जो उनकी योजना आई है अभी नई वाली किसानों के लिए मैं कहना चाहूँगा की राज्यों ने जो काम किया हैं वो कई गुना ज्यादा है किसानों को लाभन्वित करने वाला मुकाबले जो दो हजार रूपये की शुरुआत उन्होंने करी है। क्यों कि दो हजार रूपये की शुरुआत की गई है चुनाव जीतने के लिए, जब वसुंधरा जी ने शुरुआत की थी 1500 रूपये देने की प्रति महिला को पिछले टर्म में हाई कोर्ट को रोक लगानी पड़ी थी उस वक्त में अभी इलेक्शन कमीशन चुप है। मोदी जी कहते है की कांग्रेस की सरकारो को 10 साल में जब चुनाव आते है तब याद आता है ऋण माफ़ी मैं पूछना चाहूँगा कि आप जो स्कीम लेके आये हो ये पांच साल पहले क्यों नहीं आई? आज आप लेके आये को स्कीम उसका तुक क्या है? ये बताये? और 6 हजार रूपये का क्या तुक है? आप इनपुट सब्सिडी बढ़ा देते पूरे देश के किसानो को लाभ मिलता उसके अंदर। इनपुट सब्सिडी बढ़ा करके आप फैसला करते तो ज्यादा किसान खुश होते उनका स्वाभिमान बना रहता आप 6 हजार रूपये देके क्या चाहते है चुनाव के वक्त में? इस देश का किसान समझदार है वो आपके जो 6 हजार रूपये की स्कीम बना करके चुनाव जीतने का जो आप असफल प्रयास करने जा रहे है उसमे आपको सफलता नहीं मिलने वाली है।
उनको चाहिए था किसानो के ऋण माफ़ी करते जो हमारी मांग थी और राहुल गांधी जी ने हर मीटिंग में कहा था की NDA गवर्मेंट को चाहिए किसानो का ऋण माफ़ करे जोहालात किसानो के बन गए हैं जिस रूप में cost ऑफ़ production बढ़ गया है, मूल्य पूरा मिल नहीं पा रहा है आत्महत्याएँ हो रही है, तो ज्यादा लाभ होता और जहाँ हमारी सरकारों ने इस योजना को लागू किया है बिना सोचे समझने, बिना feedback लिए उसकी आलोचना कर रहे है. कहाँ तो 6 हजार रूपये दे रहे हो आप एक साल के मोदीजी को यह जानकारी होनी चाहिए की उससे ज्यादा तो हम उनको पेंशन दे रहे हैं किसानो को भी, पहले हम लोग वृद्ध को दे रहे थे, विधवाओं को दे रहे थे, निःशक्त जनों को वो पेंशन भी पति-पत्नी मिला करके आप समझ सकते हैं की 18 हजार होती हैं और 24 हजार होती है एक साल की और सिंगल मिलाये तब भी आप देख लीजिए 9 हजार होती है प्रति व्यक्ति पति पत्नी जो भी हैं और 12 हजार होती है पेंशन ….ये 6 हजार का तुक क्या है? इस महंगाई के ज़माने में 6 हजार क्या मतलब होगा? कोई समझ में आने वाली बात है की फिर भी उन्होंने जो प्रयास किया है चुनाव की दृष्टि से किया है ये हमारा आरोप है।इलेक्शन कमीशन को चाहिए कि वो आगे आये और इनसे सवाल पूछे। साथ में जो हमारी योजना है जिससे किसानों का पूरा कर्जा माफ़ हो रहा है किसी के 50 हजार, किसी के एक लाख, किसी के डेढ़ लाख चाहे वो लघु व सीमांत है या अन्य है सबके हमने कृषि ऋण माफ़ किये, फसली ऋण माफ़ किये जो की CC बैंक के है और जो कमर्शियल बैंक के है, शेड्यूल बैंक के है उनका दो लाख रूपये तक का माफ़ करने का हमने फैसला किया है पात्र व्यक्तियों के उसकी तो आलोचना कर रहे है और दोषारोपण दे रहे है सरकारों को कि सरकारे कॉपरेट नहीं कर रही है।
मैं पूछना चाहूँगा की कौनसी गवर्मेंट चाहेगी कि आपकी 6 हजार की स्कीम भी है उसका लाभ हमें क्यों नहीं मिले अगर आपने स्कीम बनाई है, स्वार्थ से बनाई है, सोच समझ के बनाई है चुनाव जीतने के लिए वो तो जनता जवाब देगी, हम चाहेंगे हमारे हर एक किसान को उसका लाभ मिले पर ये आरोप लगाना कि कॉपरेट नहीं कर रही है हम देख लेंगे बाद में, जनता जवाब देगी उसका कोई तुक नहीं है बल्कि इनके जो आंकड़े आ रहे है जो बढ़ा-चढ़ा के दिए है पूरा सर्वे किया है नहीं अधिकाश रिजेक्शन हो रहा है वहां पर चाहे वो UP हो अन्य राज्य हो प्रधानमंत्री को खुश करने के लिए आंकड़े बढ़ा-चढ़ा करके बता दिए है उन सबको दो हजार रूपये वाली किश्तें मिल नहीं पा रही है हमारे यहाँ बाकायदा हमने विडियो कांफ्रेसिंग करी है किसानों के लिए, प्रचार किया है अब भी हम चाहंगे जो योजनाएं है उनका लाभ सबको मिले। इस प्रकार से चुनाव को दृष्टि में रखते हुए जो फैसले किये जा रहे हैं मैं समझता हूँ कि उसका जवाब जनता देगी आने वाले समय में।
बाकी तो फैसले जो हमारी गवर्मेंट ने किये है आने के बाद में 19 फैसले किये है हमने अब तक एक से बढ़कर एक प्रधानमंत्री जी टोंक में आये उनको हमारे फैसलों पर कोई टिप्पणी करने का समय नहीं मिला खाली आलोचना करके गए। चुनाव केम्पेन उनका शुरू हो चुका है उसमे बजाये इसके की आप अपनी उपलब्धियां बताये की आपने पांच साल में किया क्या है? उपलब्धियां क्या है? कालाधन लेके आएँगे एक रूपये नहीं आया आज तक पांच साल में उसका कुछ जिक्र नहीं कर रहे है वो। पिछले चुनाव में बड़ी-बड़ी बाते करते थे आप देखा होगा सोशल मीडिया के अंदर भी वो तमाम इनके पुराने भाषण देख ले, कोई सुन ले तो इनकी पूरी पोल खुल जाएगी। क्या बोला करते थे आतंकवादियों को लेकर के, एक सिर के बदले 10 सिर काटके लाएँगे अब इनके मुंह पर ताले लग गए, दो करोड़ नौजवानों को रोजगार देंगे कोई पता ही नहीं पड़ा उसका, महंगाई हम रोक देंगे महंगाई बढती ही गई, किसी भी फ्रंट पे ये कामयाब नहीं हुए। मेरा मानना है कि इसलिए आज बौखलाए हुए है और जब चुनाव आ रहे है जवाब दे नहीं पा रहे हैं। राहुल गांधी जी पूछते है की राफेल के अंदर यह सौदा कैसे हुआ, किस रूप में हुआ, 526 करोड़ का प्लेन जो 1600 करोड़ से ज्यादा कैसे हो गया? कोई जवाब इनके पास में नहीं है। घृणा का, नफरत का जो माहौल बना रखा है इन्होने देश अंदर वो बहुत अनफॉर्चुनेट है, लोगो को अविश्वास है, व्यापार और धंधे सब नष्ट हो चुके है ऐसा माहौल आजादी के बाद में कभी भी देश में देखने को नहीं मिला। एमरजेंसी के वक्त में भी ऐसा माहौल नहीं था जो आज हैं जो घनश्याम तिवाड़ी कह चुके है। आज जो माहौल है वो बहुत ही भयावह माहौल है आप किसी से बात करेंगे व्यापारी से, उद्योगपति से, आम आदमी से कोई सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है आज ये हाल है।
जवाब इनके पास में है नहीं जो अभी कश्मीर की घटना हुई है पुलवामा में उसको लेके कोई जवाब नहीं है। घटना के दिन से लेके लगातार ऐसा माहौल बनाया गया की पता नहीं मोदी जी क्या कार्यवाही करेंगे अब जनता पूछना चाहती है इनसे कि इतने दिन हो गए है बताये आप करने क्या जा रहे है? इतना भयंकर आक्रोश पैदा जनता में हो चुका है देश के अंदर, गली गली में लोगो ने केंडल मार्च निकाले अपनी भसवनाओं को प्रकट किया जो शहीद हो गए नौजवान लोग उनकी याद में केंडल जलाई गई तो अब मोदी जी आप बताये क्या करने जा रहे हैं? ध्यान डाइवर्ट करके के लिए वो इस प्रकार के दोषारोपण राज्य सरकारों पर कर रहे है जो की हमें मंजूर नहीं है।


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