फराज़ अंसारी, ब्यूरो चीफ, बहराइच (यूपी), NIT:
केन्द्र सहायतित परियोजना के तहत पांच जिला अस्पतालों को अपग्रेड कर मेडिकल कॉलेज बनाया जा रहा है। प्रदेश में डॉक्टरों की कमी को तेजी से पूरा करने के उद्देश्य से कम समय में मेडिकल कॉलेज तैयार करने के लिए यह फार्मूला अपनाया गया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग का मानना है कि जिला अस्पताल को अपग्रेड कर मेडिकल कॉलेज बनाने से समय और पैसा दोनों आधा खर्च होगा। इसी के दृष्टिगत बीते वर्ष से के0डी0सी0 रोड पर कृषि विभाग की अधिग्रहीत जमीन पर 190 करोड़ की लागत से बन रहे मेडिकल कॉलेज के प्रथम तल का निर्माण कार्य अगले महीने पूरा होने की उम्मीद है। फिर द्वितीय तल के निर्माण कार्य में तकनीकी दल जुटेगा। मेडिकल कॉलेज के प्रथम तल का निर्माण पूरा होने के बाद संचालन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी। ऐसे में लखनऊ में बहराइच मेडिकल कॉलेज में प्रशासनिक अधिकारियों और प्रोफेसर्स की तैनाती के लिए साक्षात्कार प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है। जिसका आगामी 15 दिन में परिणाम जारी होने की उम्मीद है।इसके बाद अन्य नियुक्तियां भी कर ली जायेंगी। मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस पढ़ाई की मान्यता देने और निर्माण कार्यों की स्थिति परख व मेडिकल कॉलेज संचालन व्यवस्था की तैयारियों का जायजा लेने के लिये। प्रथम तल का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद मार्च के प्रथम सप्ताह में एमसीआई टीम मेडिकल कॉलेज पहुंचेगी जिसकी तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं। बताया जाता है कि मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के लिये फिलहाल सौ सीटों का आवंटन किया गया है और एमबीबीएस का एक बैच निकलने के बाद ही यहां एमएस और एमडी के पाठ्यक्रमों की शुुरुआत की जायेगी और उसके बाद ही सीटों में बढ़ोत्तरी की जायेगी।
मिली जानकारी के अनुसार मेडिकल कॉलेज तीन सौ बेड की क्षमता का होगा। एमसीआई यानी मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के मानक के अनुरूप तीन सौ बेड की क्षमता के आधार पर जिला चिकित्सालय को भी विकसित किया जाएगा। कॉलेज में 21 विभाग संचालित होंगे। एमसीआई के मानक के मुताबिक मेडिकल कॉलेज में ट्यूबरकुलोसिस, लेप्रोसी-डर्मटोलॉजी, साइकेट्री, जनरल सर्जरी, एनाटॉमी, साइक्लॉजी, बॉयोकेमेस्ट्री, फार्माकोलॉजी, पैथोलॉजी, माइक्रोबॉयोलॉजी, फारेंसिक, कम्यूनिटी मेडिसिन, जनरल मेडिसिन, पिडियाट्रिक, आर्थोपेडिक्स, राइनो लारयनग्लोजी, आप्थालमोलॉजी, ऑब्सटेट्रिक्स एंड गाइनोक्लॉजी, एनेस्थेसोलॉजी, रेडियो डाइग्नोसिस और डेंटिस्ट्री विभाग संचालित होंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नए मेडिकल कॉलेज में सोसाइटी द्वारा नियुक्त हो रहे शिक्षकों का ट्रांसफर नहीं होगा साथ ही उनकी प्राइवेट प्रैक्टिस पर भी प्रतिबन्ध रहेगा। मेडिकल कॉलेज के 22 में से चार विभागों में आरक्षण संबंधी संशोधन होने के बाद प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर के तीस अन्य पदों पर भी नियुक्तियां की जायेंगी।
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