रहीम शेरानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
झाबुआ जिले में बोहरा समाज के धर्मगुरु सैयदना अलिकदर मुफद्दल सैफ़ुद्दीन साहेब कल 23 फरवरी 2019 को गोल्डन टेम्पल ट्रेन से प्रातः 5:30 बजे मेघनगर पहुंचेगा और बाई रोड वे थान्दला की सरज़मी पर बोहरा मस्जिद पर पहुंचेंगे। उनके आने की जानकारी देते हुए मुल्ला अली हुसेन नाकेदार ने बताया की शहजादे के रूप में वे पहले थान्दला आ चुके हैं और सैयदना साहेब बनने के बाद वे पहली बार इस वनांचल के लोगों पर अपनी रहनुमाई बरसाने आ रहे हैं। उनके दीदार के लिए सभी पलके बिछाए हुए हैं। झाबूआ, मेघनगर, राणापुर, कुशलगढ़, डूंगरपुर सहित अंचल में कार्यक्रम आयोजित होने से थान्दला नगर वासियों को भी भरपूर अवसर मिलेगा। उनके दीदार की दीवानगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सैकड़ों युवा पैदल यात्रा करते हुए यहाँ आ रहे हैं जबकि अभी तक 8 हजार से ज्यादा लोगों ने अपने आने की स्वीकृति ली है शेष अन्य भी 5 से 7 हजार धर्मार्थी के यहाँ आने की संभावना है। आपको बता दें कि बोहरा समाज ने आस-पास के अपने लोगों को उनके स्थान पर ही रोक दिया है जिससे सभी को सैयदना साहेब के दीदार के पर्याप्त अवसर मिल सके।
स्वच्छता व पर्यावरण का सबक बनी बोहरा गलियां
उनके नगर आगमन पर जहाँ सभी बोहरा समाज में अति उत्साह का वातावरण है वहीं सभी ने अपने घरों को रंग रोगन से चमका दिया है। यही नही बोहरा समाज ने अपनी गलियों को भी धोकर साफ कर दिया है। बाहर पर्यावरण प्रेम प्रदर्शित करते हुए विभिन्न गमलों को रखा है और लाइटिंग आदि विद्युत सज्जा के साथ धर्म ध्वजा भी लगाई गई है। नगर परिषद और वार्ड पार्षद के सहयोग का अद्वितीय उदाहरण यदि पूरे नगर में दिखाई देता तो निश्चित ही अपना थान्दला कभी थान्दला बोहरा समाज के पूर्व आमिल साहेब कौसर अली साहेब के क्लीन सिटी ग्रीन सिटी के सपने को सार्थक कर देता। खैर अब समय उनके इस्तकबाल का है नगर के सभी समाज वर्ग के लोग, समाजिक संगठन, व्यापारी संगठन आदि भी उनसे मिल सकें इसलिए सरल व्यवस्था की गई है। थान्दला में साम्प्रदायिक सौहार्द का सुंदर समन्वय है यही कारण है कि अभी से अन्य सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने बोहरा समाज को बधाई देना शुरू कर दिया है। उनके आगमन पर इस्तकबाल के कटाऊट, फ्लेक्स, बैनर आदि भी लगाये गये हैं।
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