प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत व लापरवाही से जमकर चल रहा है मिलावट का कारोबार | New India Times

रहीम शेरानी हिंदुस्तानी, झाबुआ (मप्र), NIT:

प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत व लापरवाही से जमकर चल रहा है मिलावट का कारोबार | New India Times

वर्ष 2018 अपने बीते दिन आमजन को कुछ खास यादें दे गया जो गुजरा व बीत गया किंतु स्मरण रहेगा। विगत वर्ष समस्या बीमारी से भरा हुआ था। पानी, सफाई जैसी समस्या यथावत थी और शायद यथावत ही रहेंगी। औद्योगिक क्षेत्र होने से नगर में प्रदूषण का बोलबाला हमेशा रहेगा किंतु प्लास्टिक भी कम प्रदूषण नहीं करता, सड़के टूटी फूटी होने से धूल के गुब्बारे आम रहे हैं। भाजपा-कांग्रेस के नेताओं ने 12 महीने अपनी अपनी डफली बजा कर अपनी रोटियां सेकीं किंतु समस्याओं के प्रति पूरी तरह से उदासीन रहे। नगर के मुख्य मार्गो से लेकर गली कूचो तक अतिक्रमण को लेकर समानता है। हर दुकानदार अपना सामान सड़कों पर रख कर बेच रहा है 40 फीट चौड़ी सड़क वर्तमान में 10 फीट चौड़ी रह गई है। 30 फीट सड़कों पर दुकानदारों ने अपनी दुकानदारी चालू कर दी है तो किसी ने सरकारी जमीन पर मकान दुकान के पक्के निर्माण कर लाखों में बेच दिए हैं तो किसी ने बड़े ओटले बनाकर किराए से चला दिए हैं। अतिक्रमण हटाने की मुहिम समूचे जिले में चल चुकी है किंतु मेघनगर का नगर प्रशासन, तहसीलदार, पटवारी आदि की उदासीनता के चलते अतिक्रमण कारी अपने पैर पसार रहे हैं। नगर की अधिकांश किराना दुकानों पर मिलावटी सामग्री मिल रही है जिसमें कई दुकानदार तो ब्रांडेड कंपनी की थैलियों में हल्दी पाउडर, मिर्ची पाउडर, धनिया पाउडर, नकली बीड़ी आदि मिलावटी पैकिंग कर बेखौफ बेच रहे हैं, तो वहीं तेल भी मिलावट वाला बेच रहे हैं। नगर के औद्योगिक क्षेत्र में ब्रांडेड कंपनी की थैलियों में नकली खाद धड़ल्ले से बन कर पैकिंग हो रहा है क्षेत्र के भोले भाले गरीब आदिवासियों की जमीन को बंजर बनाई जा रही है। मिलावटी सामग्रियां बेचकर भोले भाले गरीब आदिवासियों को ठग रहे हैं वहीं प्रिंट रेट से ज्यादा पैसा वसूला जाता हैं यह सब खेल खाद्य अधिकारी की मिलीभगत से ही संभव है ! नगर में इन दिनों दूध विक्रेताओं ने नगर वासियों को पानी में दूध मिलाकर बेचना शुरू कर दिया है। खुल्ला दूध 40 से 50 रुपए प्रति लीटर के मान से बाजार में बिक रहा है किंतु गुणवत्ता के नाम पर लोग पानी ही बेच रहे हैं! दूध खरीदने वाले दूध वाले से शुद्ध दूध की मांग करता है तो जवाब होता है ऐसा ही मिलेगा शिकायत करने की बात पर दूध वाला कहता है जरूर करो हमारा कुछ नहीं बिगड़ेगा हम सहाब को सालाना भेट चढ़ाते हैं। कुछ इसी तरह झोलाछाप डॉक्टर भी गरीब भोले भाले मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर अपने झोले भर रहे हैं। नगर में इन दिनों एक यातायात पुलिस के हवाले यातायात व्यवस्था है नगर में अनगिनत चौराहों पर एकमात्र जवान है नगर में सैकड़ों जिप एवं बड़े वाहन हैं जो नगर के चौराहों से ओवरलोड सवारी भरकर फुर्र होते हैं जिससे कई बार दुर्घटनाएं भी हो चुकी है। नगर में रेलवे स्टेशन बस स्टेशन साईं चौराहा पिपली पाड़ा चौराहा कमांडर चौक आदि से छोटे बड़े वाहन ओवरलोड सवारियां भरकर जाती है जिससे बेचारा एक यातायात जवान हाथ मलता रह जाता है।


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