पीयूष मिश्रा, ब्यूरो चीफ सिवनी (मप्र), NIT:
आदिवासी बाहुल्य विकासखंड घंसौर के सभी विद्यालयों में ऑनलाइन अतिथि शिक्षक भर्ती से पद पूर्ति ना हो पाने के कारण शासन ने विद्यालयों को ऑफलाइन अतिथि शिक्षक विषय वार पैनल बनाकर रखने की अनुमति प्रदान की है जिसका फायदा शाला के बच्चों को मिल सके उनका अधूरा पाठ्यक्रम पूरा हो सके परंतु शासन की इस मंशा पर घंसौर विकासखंड के शासकीय विद्यालयों के संस्था प्रमुख पानी फेर रहे हैं गुपचुप तरीके से बिना प्रेस विज्ञप्ति जारी किए अपने मातहत आवेदकों से आवेदन बुलाकर गुपचुप तरीके से अतिथि शिक्षक की पद पूर्ति कर ली गई है शासन ने 22 दिसंबर को एक सर्कुलर जारी कर रिक्त पदों के विरुद्ध पूर्व वर्षों के नियमानुसार भर्ती करना आदेशित किया गया था 25 दिसंबर तक आवेदन प्राप्त कर पालक शिक्षक संघ की बैठक 27 दिसंबर को आयोजित कर पैनल का प्रदर्शन उनके समक्ष कर सबसे योग्य उम्मीदवार का चयन कर शेष को प्रतीक्षा सूची में स्थान देना था एवं 31 दिसंबर तक उस चयनित अतिथि शिक्षक की जानकारी पोर्टल पर दर्ज करनी थी लेकिन अपने एवं अपने मात हतो के स्वार्थ सिद्धि हेतु इन संस्था प्रमुखों ने ना तो कोई विज्ञापन निकाला स्वयं ही अपनी इच्छा से जो अभ्यर्थी फार्म लेकर इनके पास पहुंच रहे हैं उन्हें फार्म लेने से यह कहकर मना किया जा रहा है कि हमने तो 3 महीने पहले ही एक अतिथि शिक्षक की भर्ती कर ली है जबकि वास्तविकता यह है कि चुनाव आचार संहिता के चलते भर्ती रोक दी गई थी और इन संस्था प्रमुखों ने कम योग्यता वाले और अपनी पहचान के आवेदक को लोकल फंड से या स्वयं के खर्च पर काम चलाने हेतु रख लिया था अब उसे ही अपना चयनित अतिथि शिक्षक सिद्ध कर रहे हैं जोकि योग्य शिक्षित बेरोजगारों के साथ अन्याय है साथ ही नौनिहालों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है इसे तुरंत रोका जाना चाहिए बहुत सी संस्थाओं में तो यह स्थिति निर्मित हो रही है कि पद गणित अंग्रेजी का है पर संस्था प्रमुखों ने झूठी जानकारी दर्ज कर दूसरे विषय के आवेदकों को गणित अंग्रेजी का बना दिया और बाकायदा भरपूर वेतन भी दी जा रही है जो शासकीय राशि का गबन है ऐसा संस्था प्रमुखों पर शीघ्र अतिशीघ्र कार्यवाही नवागत कलेक्टर महोदय से आपेक्षित है।