संदीप शुक्ला, ब्यूरो चीफ ग्वालियर (मप्र), NIT:
ग्वालियर के घाटीगांव क्षेत्र में सोन चिरैया अभ्यारण के अन्तर्गत 25 गांवों को उक्त अभयारण्य से मुक्त किए जाने की दृष्टि से जिला प्रशासन एवं वन विभाग ग्वालियर द्वारा वर्ष-2017 के दिसम्बर माह में एक प्रस्ताव डी- नोटिफिकेशन हेतु राज्य शासन की ओर प्रेषित किया गया था, परन्तु आज तक उक्त प्रस्ताव को आगे की कार्यवाही हेतु राज्य सरकार द्वारा केन्द्र सरकार के पास नहीं भेजे जाने पर चेम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा निराशा व्यक्त करते हुए मंगलवार को वन विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र प्रेषित कर मांग की है कि 25 गांवों को अभयारण्य से मुक्त किए जाने संबंधी प्रस्ताव को तत्काल केन्द्र सरकार की ओर प्रेषित किया जाए ।
चेम्बर के अध्यक्ष-अरविन्द अग्रवाल, संयुक्त अध्यक्ष-यश कुमार गोयल, उपाध्यक्ष-सुरेश बंसल, मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव-जगदीश मित्तल एवं कोषाध्यक्ष-गोकुल बंसल ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में अवगत कराया है कि ग्वालियर के घाटीगाँव क्षेत्र में सोन चिरैया अभ्यारण के 86.74 वर्ग किलोमीटर एरिया के डी-नोटिफिकेशन किए जाने संबंधी प्रस्ताव को लगभग एक वर्ष का समय व्यतीत हो जाने के बावजूद भी राज्य शासन द्वारा उक्त प्रस्ताव को उचित कार्यवाही हेतु केन्द्र सरकार की ओर प्रेषित नहीं किया गया है, जिसके कारण ग्वालियर का एक बहुत बड़ा क्षेत्र विकास से अछूता बना हुआ है और किसान एवं उद्यमी अपनी भूमि की रजिस्ट्री तक नहीं करा पा रहे हैं और न ही उक्त क्षेत्र में सड़कों का निर्माण कार्य संभव हो पा रहा है ।
पदाधिकारियों ने बताया है कि सोनचिरैया अभयारण्य के 25 गाँवों को बाहर करने के संशोधित प्रस्ताव पर डी-नोटिफिकेशन जारी हो जाने से निम्नलिखित 25 गाँव इससेे बाहर हो जाते, जिनमें प्रमुख रूप से गिरवाई, प्रयागपुर, खितैरा, समेड़ी, नयागाँव, रायपुर, पनिहार, जखौदी, धुआँ, घाटीगाँव, खुड़ावली, बसईकला, चक गिरवाई नं.-1, ओड़पुरा, कोटा लश्कर, रामपुर, बिठौली, सोजना, तिघरा, कैथा, सुजवाया, मालीपुरा और बटा गाँव शामिल हैं ।
चेम्बर ने पत्र में उल्लेख किया है कि उपरोक्त प्रस्ताव में शामिल गिरवाई गाँव में वर्तमान में लगभग 100 औद्योगिक इकाईयाँ स्थापित हैं और इनसे 10 हजार श्रमिक जुड़े हुए हैं, परन्तु उपरोक्त प्रस्ताव की फाइल राज्य सरकार के स्तर पर लंबित होने के कारण उक्त क्षेत्र के उद्यमियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । वर्तमान में यह क्षेत्र सोन चिरैया अभ्यारण में होने के कारण उक्त औद्योगिक क्षेत्र में आवागमन हेतु मार्गों का निर्माण नहीं हो पा रहा है और न ही भूखण्डों की रजिस्ट्री संभव हो पा रही है ।
चेम्बर ने प्रमुख सचिव, वन विभाग से माँग की है कि विगत् एक वर्ष से लंबित सोन चिरैया अभ्यारण के 86.74 वर्ग किलोमीटर एरिया को डी-नोटिफिकेशन किए जाने के प्रस्ताव को प्राथमिकता के आधार पर शीघ्रातिशीघ्र केन्द्र सरकार की ओर प्रेषित किया जाए, जिससे कि गिरवाई गाँव सहित अन्य 24 गाँव इससे मुक्त हो सकें और इस क्षेत्र में औद्योगिक विकास को गति मिल सके । साथ ही, इस क्षेत्र में सड़कों का निर्माण एवं बिजली के खंभे स्थापित हो सके और किसान अपनी भूमि की आसानी से रजिस्ट्री करा सकें ।
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