अज्ञात बाइक सवार बदमाशों ने घर से बुला कर शिक्षक के भाई को मारी गोली, आक्रोशित ग्रामीणों ने शव सड़क पर रखकर लगाया जाम, डायल 100 की गाड़ी पर किया पथराव | New India Times

दयाशंकर पांडेय, ब्यूरो चीफ प्रतापगढ़ (यूपी), NIT:

अज्ञात बाइक सवार बदमाशों ने घर से बुला कर शिक्षक के भाई को मारी गोली, आक्रोशित ग्रामीणों ने शव सड़क पर रखकर लगाया जाम, डायल 100 की गाड़ी पर किया पथराव | New India Times

प्रतापगढ़ जिला के कन्धई थाना क्षेत्र के कंधई मधुपुर ग्रामसभा के मिश्रपुर निवासी बृजेश मिश्र (38वर्ष) पुत्र अवधेश मिश्र को कल सुबह भोर में अज्ञात बाइक सवार बदमाशों ने घर से बुलाया और बाहर आते ही गोलियों से छलनी कर दिया। घटना सुबह लगभग 5 बजे भोर की है। लोग अभी अपने बिस्तर से उठे भी नहीं थे कि बेखौफ बदमाशों ने लोंगो की नींद हराम कर दी। घटना से क्षेत्र में सनसनी फैल गई।

घटना स्थल से महज एक किलोमीटर दूरी पर कंधई थाना स्थित है। सूचना पाते ही पुलिस घटना स्थल पर पहुँच गई। घर से आवाज देकर बुलाने और आते ही गोलियों से भून देने की घटना को कंधई पुलिस अपने लिए किसी चुनौती से कम नहीं मान रही है। पुलिस के ऊपर उस वक्त तरस आता है जब किसी की हत्या बेखौफ तरीके से कर दी जाती है तो मौके पर पहुँची पुलिस “किं कर्तब्य विमूढ़” नजर आती है। बता दें कि कल जिस बृजेश मिश्र की हत्या हुई है, उसे दो माह पहले उस दिन कंधई थाना क्षेत्र के बेनीपुरी स्थित राईसमील के सामने गोली मारी गई थी जिस दिन कोंहडौर बाजार में दो जायसवाल बंधुओं की हत्या में अपनी सहानुभूति जताने उ प्र के मंत्री अनुपमा जायसवाल आ रही थी। वृजेश मिश्र के ऊपर हुए उस जानलेवा हमले में जो लोग नामजद हुए थे प्रतापगढ़ की काबिल पुलिस उन्हें आजतक सलाखों के पीछे नहीं पहुंचा सकी है। बृजेश मिश्र उस जानलेवा घटना से सहम गया और अपने को सीमित कर लिया था और अक्सर घर पर रहने लगा था। ऐसी दशा में वृजेश के घर से बाहर न निकलने पर जिन बदमाशों ने बृजेश को मारने का दृढ़ निश्चय किया था उन्हें अपना इरादा और मजबूत करना पड़ा। नतीजा ये रहा कि बेखौफ बदमाशों ने बृजेश को सोते समय आकर तेज आवाज में बुलाया और आवाज सुनकर जब बृजेश उन बदमाशों के पास पहुंचा तो बिना देर किये बेखौफ बदमाशों ने उसे गोलियों से छलनी कर दिया।

जब बदमाशों को इस बात का इतिमिनान हो गया कि बृजेश अब इस दुनिया में नहीं है तो बेखौफ बदमाश बड़े इतिमिनान से सुरक्षित स्थान की ओर भाग निकले। चूँकि दीपावली के बाद की घटना और देहात में ठंड का आगमन होने से बहुत से लोग घटना के समय अपने विस्तर पर नींद के आगोश में थे। जैसे लोंगो को बृजेश की गोली मारकर हत्या की जानकारी हुई लोगों की नींद उड़ गई। गांव के लोग अचम्भित हैं कि अब तो लोग अपने घर में भी सुरक्षित नहीं हैं। चूँकि जिस अंदाज में बृजेश मिश्र की हत्या हुई उससे सभी लोग भयभीत और स्वयं को असुरक्षित मान रहे हैं। उनका तर्क है कि जब लोग अपने घर में सुरक्षित नहीं तो निश्चित रूप से यह कहना गलत न होगा कि प्रतापगढ़ में पुलिस का बदमाशों पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। बदमाशों के मन में पुलिस और कानून का कोई भय नहीं रह गया है। शनिवार की घटना ने दशकों पूर्व बिनैका में अजय गिरी और उनके पुत्र को उनके घर पर उस समय गोलियों से भून डाला था जब वो अपने दरवाजे पर नित्यक्रिया के बाद कुएं पर दातून कर रहे थे। किसी के घर पर चढ़कर उसे गोलियों से भून डालने की घटना सामान्य नहीं होती। ऊपर से यदि दो माह पूर्व यदि उस पर जानलेवा हमला हुआ था तो पुलिस ने उसकी सुरक्षा के लिए क्या इंतजाम किया? ऐसी दर्दनाक और भीवत्स घटना से भी पुलिस सबक नहीं लेती तो निश्चित रूप से पुलिस के कृत्यों की जितना आलोचना की वह कम होगी।

मृतक बृजेश मिश्र दो भाईयों में छोटे थे। बृजेश से बड़े सुशील मिश्र उर्फ कल्लू हैं जो मदाफरपुर प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक हैं। घटना से परिजनों में दहशत व्याप्त है। वो पूरी तरह खौफजदा हैं। उनके साथ पूरा क्षेत्र दहशत में आ गया है। घटना स्थल पर मौजूद लोगों का कहना है कि पुलिस की लापरवाही की वजह से वृजेश मिश्र की हत्या हुई है। यदि दो माह पूर्व बृजेश मिश्र के ऊपर जानलेवा हमले को पुलिस गंभीरता से ली होती तो आज बृजेश मिश्र की हत्या न हुई होती। बृजेश मिश्र की हत्या की बहुत बड़ी जिम्मेदार खुद पुलिस भी है।

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