मेहलक़ा अंसारी, ब्यूरो चीफ बुरहानपुर (मप्र), NIT:
नामांकन पत्र दाखिल करने के आखिरी दिन शुक्रवार को भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी अर्चना चिटनीस ने गणपति मंदिर से रैली निकालकर तथा धार्मिक रीति रिवाज से पूजा अर्चना कर अपना एवं राजनैतिक प्रतिद्वंदियों को अपनी ताक़त दिखा कर नामांकन पत्र दाखिल किया। खुली जीप में सवार दीदी के साथ महापौर अनिलभाऊ भोसले, निगम अध्यक्ष मनोज तारवाला, वरिष्ठ भाजपा नेता मोईन अंसारी, शाहपुर के श्री महाजन आदि शरीक थे।
इस अवसर पर अर्चना चिटनिस दीदी ने कहा कि भाई दूज के अवसर पर सभी को साथ लेकर इस संकल्प के साथ अपना नाम निर्देशन पत्र दाखिल किया है कि मध्य प्रदेश के विकास में बुरहानपुर की भी अहम भूमिका होगी। इस अवसर पर भाजपा प्रत्याशी ने भाईदूज पर भाईयों से मतदान करने की अपील की। वहीं कांग्रेस के बागी उम्मीदवार एवं पूर्व जनपद अध्यक्ष ठाकुर सुरेन्द्र सिंह (शेरा भैया) ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर र्निदलीय प्रत्याशी के रूप में भी नामांकन दाखिल कर भाजपा और कांग्रेस को कड़ी चुनौती दी है। अंतिम तारीख तक भरे गए नामांकन पत्रों में कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार एवं पूर्व विधायक रवींद्र महाजन, एनसीपी की ओर से शरीफ़ राजगीर, शिवसेना की ओर से आशीष शर्मा, आरपीआई की ओर से पत्रकार महेश मावले, बसपा की ओर से मनोज पवार, लोजपा की ओर से सैय्यद शौकत अली, अखिल भारतीय हिंदू महासभा की ओर से एडवोकेट अनूप यादव, निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उदासीन आश्रम के महंत स्वामी पुष्करानंद जी महाराज, आप पार्टी की ओर से रियाज़ फारूक़ खोकर (समय पर बी फार्म प्रस्तुत नहीं कर पाने की वजह से निर्दलीय) और एमआई एम के ज़िला अध्यक्ष एडवोकेट सोहेल एहमद हाशमी, विजय गांजेवाला, दया शंकर यादव, सुभाष काशीनाथ और शेख अख्तर ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया है। सियासी तौर पर उभरी नई पार्टी ” सपाक्स” ने अपना कोई उम्मीदवार नहीं खड़ा किया है। वहीं एसडीपीआई और एमआईएम ने भी अपने उम्मीदवार नहीं खड़े कर पाई है। सोमवार 12 नवम्बर को नाम निर्देशन पत्रों की जांच 13 नवम्बर को नाम वापसी के दिन कौन उम्मीदवार अपना नामांकन वापस लेता है। साथ ही राजनैतिक रूप से यह स्पष्ट होगा कि मुख्य मुक़ाबला किन के दरम्यान होगा।अभी फिलहाल इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। लेकिन वर्तमान राजनैतिक परिदृश्य इस बात के स्पष्ट संकेत दे रहे हैं कि भाजपा, कांग्रेस और शेरा भैया के दरम्यान त्रिकोणीय मुक़ाबला होगा। वर्तमान विधायक अर्चना चिटनिस दीदी 50 हज़ार से अधिक मतों से अपनी जीत का दावा कर रही हैं। कांग्रेस उम्मीदवार भी अपनी जीत का दावा कर रहे हैं, लेकिन सियासी पंडितों का क़यास है कि कांग्रेस की कामयाबी में कांग्रेस के बागी उम्मीदवार बड़ी बाधा हैं। चूंकि रवींद्र महाजन इस के पूर्व भी शाहपुर से विधायक रह चुके हैं लेकिन नए सीमांकन में शाहपुर क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा बुरहानपुर में शामिल हो गया है। इस लिहाज़ से उनके समर्थक शहर के 48 वार्ड बनाम 75 पंचायत के मान से भी देख रहे हैं। सियासी पंडितों का मानना है कि भाजपा का एक वर्ग भीतरघात की संभावना के तहत शेरा भैया को लाभ पहुंचा सकता है। लेकिन नाम वापसी के बाद सियासी परिदृश्य स्पष्ट हो सकेगा। त्रिकोणीय संघर्ष को छोड़कर अगर 8 उम्मीदवार भी मैदान में रहते हैं तो उन्हे भी अपने कार्य और सेवाओं के आधार पर हज़ार की संख्या में वोट मिलने की उम्मीद है, जो दूसरे त्रिकोणीय उम्मीदवार की जीत को प्रभावित करने में या सियासी नापतौल में अपने आपको तौलने के लिहाज़ से एहम हो सकते हैं। लेकिन इतिहास के पन्ने इस बात के साक्षी हैं कि जनता ने भी अपने विवेक से दो या तीन उम्मीदवारों की ही झोली भरी है और बाक़ी को सद्दी पर उड़ा दी है। जनता विवेक से फैसले करना जानती है। जनता किंग मैकर है। इस कारण शेष उम्मीदवारों को ज़मानत बचाने में भी पसीना आता है लेकिन क्या किया जाए? प्रजातंत्र में सब को अपनी क़िस्मत आज़माने की आज़ादी है।
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