स्वच्छता के नाम पर झाडू लेकर फोटो खिंचवाने के बजाए जनता के मूलभूत सुविधाओं पर हो ध्यान | New India Times

गणेश मौर्य, अंबेडकरनगर (यूपी), NIT:

स्वच्छता के नाम पर झाडू लेकर फोटो खिंचवाने के बजाए जनता के मूलभूत सुविधाओं पर हो ध्यान | New India Times

गांधी जयंती के मौके पर एक तरफ जहां पूरे शहर अकबरपुर में झाड़ू उठाकर फोटो खिंचवाने की होड़ मची थी वहीं दूसरी ओर अकबरपुर पालिका क्षेत्र के कई वार्डों में नालियों में सीवरेज ओवरफ्लो होने के कारण गंदे पानी की बाढ़ सी आई थी। केंद्र की सरकार नदियों को स्वच्छ और निर्मल बनाने की कवायद कर रही है दूसरी तरफ तमसा नदी के किनारे पालिका द्वारा कूड़े को डंप किया जा रहा है। जलालपुर रोड रेलवे क्रॉसिंग के बगल में हजारों टन कूड़े का अंबार लगा हुआ है।

दो अक्टूबर 2018 को जिलेभर में राष्ट्रपति महात्मा गांधी की जयंती मनाते हुए सफाई अभियान चलाया गया। देश के प्रधानमंत्री मोदी जी देश को एक नया राजनीतिक त्योहार देने के लिये आपको बहुत बहुत बधाई। जनता की तरफ से सवाल पूछना चाहता हूँ हर उस सियासतदान, अफसरों, नेताओं से जिन्होंने झाड़ू लेकर फोटो खिंचवाई या चूक गए खिंचवाने से कि अगर यही सफाई सत्तर सालों से बंद पड़ी फाइलों और पेंडिंग पड़े कामों पर किया गई होती तो आज पूरा हिंदुस्तान दिल से उन्हें सलाम कर रहा होता।
याद है मुझे दिल्ली के लाल किले से आप ने कहा कि स्वछता से सबसे ज़्यादा फायदा गरीबों को होगा तो मैं आपसे पूछना चाहता हूँ कि 70 सालों से पड़ा कूड़ा तो आपको दिख गया पर आपको सड़कों पर कूड़े के सामान ज़िन्दगी जीते इंसान नहीं दिखा। दरअसल उन्हें सिर्फ दो वक़्त कि रोटी और रहने के लिए एक कमरा चाहिए.. पर जब आप उन गरीब लोगों से बात करेंगे तो वो आपसे सब्सिडी नहीं मांगेंगे वो सिर्फ काम और अपने हक़ का दाम चाहते हैं..
देश आपका समर्थन कर रहा हैं.. सफाई के साथ वो टैक्स भी दे रहा है जो आपने सिर्फ स्वछता के लिए लगाया है ए.. अब उस टैक्स से आये पैसों का इस्तेमाल आपने कितना और कैसे किया उस पर बात आपके 5वें साल में करेंगे
फैक्ट्स के साथ… बस अपने मंत्रियों और नेताओं से कह दीजिये कि झाड़ू लगाने के लिए हिंदुस्तान कि सारी आवाम खड़ी है आप लोग ये दिखावापन बंद करके थोड़ा काम कर लें.. ”गाँधी जी के नाम का इस्तेमाल गाँधी जयंती को ख़त्म करने में कर दिया” दरअसल अभी ख़त्म नहीं हुआ हैं पर भविष्य में लोग इसी स्वछता दिवस भी तो कह कर बुलाने लगेंगे!

By nit

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